श्यामपुर स्कूल के बच्चों को शिक्षकों ने घर घर जाकर वितरित किया आमाराइट प्रायोजना का प्रोजेक्ट वर्क
छुईखदान संकुल के प्राथमिक शाला श्यामपुर में बच्चे बना रहे है आमाराइट प्रायोजना के प्रोजेक्ट
कोरोना महामारी के कारण विगत डेढ़ वर्ष से स्कूल बंद है। बच्चों को सुरक्षित अपने घरों में रहते हुए नियमित पढ़ाई से जोड़े रखने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नित नए नवाचार किये जा रहे है। इसी कड़ी में ग्रीष्म अवकाश में बच्चों को सक्रिय रखने और अपने परिवेश से जोड़ने के उद्देश्य से आमाराइट प्रायोजना के नाम से प्रोजेक्ट वर्क देने का नवाचारी प्रयास किया जा रहा है। आमाराइट प्रायोजना के अंतर्गत बच्चें अपने पालकों का सहयोग लेते हुए सामान्य जानकारी प्राप्त कर प्रोजेक्ट फाइल तैयार कर शिक्षकों के पास जमा करेंगे और उसी के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन होगा। इसी कड़ी में राजनांदगांव जिले के छुईखदान वनांचल क्षेत्र में एवं छुईखदान संकुल के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक शाला श्यामपुर की शिक्षिका शिवांगी पशीने और शिक्षा सारथी अमरीका धुर्वे द्वारा भी शाला के बच्चों के घर घर जा कर आमाराइट प्रायोजना के प्रश्नों का प्रिंट आउट और प्रोजेक्ट लिखने के लिए पेपर, कबाड़ से जुगाड़ सामग्री का वितरण किया गया जिससे आकर्षक प्रोजेक्ट बच्चों द्वारा तैयार किया जा सके। शिक्षिका शिवांगी पशीने ने बताया कि वनांचल में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखना एक कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन इस कोरोना काल मे भी शिक्षा विभाग राजनांदगांव और शिक्षा विभाग छुईखदान के अधिकारियों के सतत मार्गदर्शन में बच्चों को सुरक्षित और नियमित पढ़ाई से जोड़े रखने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए है।
शिक्षा को सुगम बनाने की दिशा में छुईखदान के शिक्षको का प्रयास सदा ही अनुकरणीय रहा है। श्यामपुर की शिक्षिका शिवांगी पशीने के कार्यो से प्रेरित होकर छुईखदान के अन्य सभी शिक्षक भी अपनी सुविधा अनुसार इन विपरीत परिस्थितियों में भी बच्चों को आमाराइट प्रायोजना की मदद से पढ़ाई से जोड़ने की दिशा में सराहनीय प्रयास किया है। पढ़ई तुंहर दुआर के जिला मीडिया प्रभारी सतीश ब्यौहरे ने बताया कि शिक्षा विभाग छुईखदान, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रणी रहता है। छुईखदान एबीईओ गिरेन्द्र सुधाकर ने छुईखदान ब्लॉक की शिक्षिका शिवांगी पशीने के इस नवाचारी प्रयास की प्रशंसा करते हुए बताया कि अन्य ब्लॉक एवं स्कूल के बच्चे भी शिक्षिका से कॉलकांफ्रेन्स के माध्यम से सम्पर्क कर प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं, इसे विकासखंड के सभी स्कूलों में लागू करवाने की बात कही है। इस तरह से हम देखते है की कोरोना काल में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे नवाचार को नक्सल प्रभावित छुईखदान ब्लॉक में जमीनी स्तर पर लागू करने में छुईखदान ब्लॉक के शिक्षकों का प्रयास प्रशंसनीय है और इससे वनांचल के बच्चों को निश्चित रूप से लाभ होगा। उक्त नवाचार पढ़ई तुंहर दुआर योजना अंतर्गत किया जा रहा है। वर्तमान परिदृश्य में बच्चो की पढ़ाई के लिए पालको के साथ साथ विभाग भी प्रयत्नशील है ऐसे में कुछ नया करना बहुत जरूरी है। छुईखदान के शिक्षको ने पहले भी क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए अच्छी व्यवस्था का बीड़ा उठाया है। कोविड 19 महामारी के चलते अब भी शिक्षक अपने कार्यो में डटे हुए है। विभाग के नवाचारों की तारीफ करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी एच आर सोम, डीएमसी भूपेश साहू, एपीसी सतीश ब्यौहरे, जिला मीडिया सहयोगी परस राम झाड़े एवं दुर्गेश त्रिवेदी विकासखंड शिक्षा अधिकारी एच डी कोसरे, बीआरसी सुजीत चैहान एबीईओ गिरेन्द्र सुधाकर ,वंदना मिश्रा, ग्रामपंचायत सरपंच श्रीमती सेन ने शुभकामनाएं दी है।