जिले में कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण का दायरा अब तेजी से घटने लगा है। पॉजिटिव दर में गिरावट आई है पर अब ब्लैक फंगस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। राहत की बात यह है कि फंगस की यह बीमारी फैलने वाली तो नहीं है पर कोविड के मरीज और शुगर पेशेंट को काफी सावधानी बरतनी है। इनमें ही यह सिमटम देखने को मिल रहे हैं। जिले में अब तक 10 से 12 संदिग्ध मरीज सामने आ चुके है। एक की एम्स में मौत भी हुई है पर जिला स्तर पर इसकी पुष्टि डॉक्टर नहीं कर रहे हैं। इधर जिले में बीमारी की दस्तक तो हो चुकी है पर दवाइयों का स्टॉक नहीं है।
जिले के बंुदेलीकला निवासी एक युवक की एम्स में 15 मई को मौत हुई। वह पहले कोविड संक्रमित था। ठीक होने के बाद कुछ दिन के बाद शरीर में ब्लैक फंगस की तरह लक्षण दिखने लगे। परिजनों ने जिला स्तर पर डॉक्टरों को दिखाया फिर यहां से एम्स रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान उक्त मरीज की मौत हो गई। मृतक का गांव में ही अंतिम संस्कार हुआ।
एम्स भेजे जा रहे मरीज
जिला स्तर पर अफसर स्पष्ट ही नहीं कर रहे हैं कि उक्त मरीज की ब्लैक फंगस से मौत हुई या फिर कोई दूसरी परेशानी थी। मृतक शुगर की बीमारी से भी पीड़ित था। ईएनटी एक्सपर्ट डॉ मिथलेश शर्मा ने बताया कि शहर में ब्लैक फंगस के लक्षण वाले मरीज तो आ रहे हैं पर इसकी स्पष्ट पुष्टि नहीं हुई है। कुछ मरीजों का इलाज भी हो चुका है। वहीं दो-तीन मरीज एक्स भी भेजे गए हैं। सामान्य लक्षण वालों का यहां इलाज हो जा रहा है।
संक्रमित का सैंपल लिया
इधर पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से भर्ती कोविड के कुछ मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजा गया है। इनकी जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के ईएनटी डिपार्ट के एचओडी डॉ आरएस गौर का कहना है कि कुछ मरीजों में लक्षण दिखे हैं पर कल्चर रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि ये फंगस की बीमारी से पीड़ित हैं या फिर कुछ और है।
ऐसे दिखाई पड़ते हैं लक्षण
सिर पर दर्द का होना, आंख से पानी आना, आंख लाल हो जाना, आंखों के आसपास सूजन, तालू में छाला हो जाना, दांत गिरने लगना, नाक से ब्लड आना, नाक से ब्राउन कलर का पदार्थ निकलना ब्लैक फंगस के लक्षण हैं।
बचाव ऐसे करें: गंदे मास्क को न पहनें, मास्क को रोज बदलें, मरीज को ऑक्सीजन लगा है तो मास्क की सफाई करें, गीला मास्क न लगाएं, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।