जांच में कमी से घट रहे कोरोना संक्रमित
राजनांदगांव। जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार कम हो रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन अपनी व्य्वस्था पर संतोष जाहिर कर रहे हैं। मगर इसकी दूसरी तस्वीर यह है कि जिले में जांच की गति काफी कम है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच के लिए निर्धारित समय के कारण लोग जांच करवाने ही नहीं जा रहे हैं। अभी हर दिन 3500-4000 की ही जांच हो रही है। यही कारण है कि संक्रमण की दर ऊपर से कम दिख रही है।
-कोरोना की जांच कुल छह स्थानों पर व्यवस्था तो बनाई गई है, लेकिन सभी केंद्रों के खुलने का समय सुबह 10 के बदले 11 बजे ही है। इसके बाद दोपहर में लंच के नाम पर डेढ़-दो घंटे तक जांच रोक दी जाती है। इस समय काफी गर्मी होती है, लिहाजा लोगा जांच करवाने से ही कतरा रहे हैं।
कुछ स्वयंसेवी संस्था ओं और आमलोगो ने मांग की है कि जांच केंद्र को सुबह नौ बजे से खोला जाए, ताकि समय पर अपने घर लौट सकें और रिपोर्ट लेकर इलाज भी शुरू करवा सके। जांच देरी से होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गर्मी के कारण धूप व प्यास के कारण लोग परेशान हो रहे हैं।
संक्रमण की दर बढ़ने के साथ ही जांच को लेकर लोग जागरूकता तो दिखा रहे हैं, लेकिन जांच को लेकर लोगों को अब भी इंतजार करना पड़ रहा है। केंद्रों में कर्मचारियों की मनमानी का खामियाजा जांच कराने आने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
कर्मचारियों को सुबह हर हाल में 10 बजे जांच शुरू कर देनी है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। कर्मचारी खुद 11 बजे आते हैं। फिर जांच की प्रक्रिया शुरू होती है। पूरी प्रक्रिया में एक से डेढ़ घंटा लगता है। जब तक लोगों को घंटों कतार में लगना पड़ता है।
सिस्टम में सुधार नहीं होने के कारण जांच कराने पहुंचने वाले लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। म्यूनिसिपल स्कूल मैदान स्थिति गांधी सभागार वाले केंद्र में ज्यादा शिकायतें हैं।
जांच के बाद रिपोर्ट की चिंता जांच जांच के लिए शहर में छह केंद्र बनाए गए हैं, जहां सुबह नौ बजे से लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है। सुबह लाइन में लगे लोगों का नंबर करीब 11.30 बजे के आसपास आता है। इस दौरान लोगों को गर्मी व धूप में घंटो खड़े रहता पड़ता है।
कई लोग अपने काम-धाम को छोड़कर तो कोई दूर गांव से आए रहते हैं। घंटों कतार में लगकर जांच तो करा लेते हैं। इसके बाद रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। जांच कराने आए लोगों की मांग है कि जांच केंद्र को सुबह नौ बजे से खोला जाए। ताकि समय पर जांच कराकर अपने घर लौट सकें और रिपोर्ट लेकर इलाज भी शुरू करवा सके, लेकिन घटिया सिस्टम के फेर में लोग फंसे नजर आ रहे हैं।
किट नहीं होने का दे रहे हवाला जांच कराने पहु्ंचे लोगों के सामने नई परेशानी शुरू हो गई है। कोरोना जांच करने वाले कर्मचारी दोपहर बाद किट नहीं होने का हवाला देकर जांच कराने पहुंचे लोगों को वापस लौटा देते हैं। जिसके चलते कई लोग चाहकर भी अपना जांच नहीं करा पा रहे हैं।
वर्तमान में रेपिड एंटीजन से कोरोना की जांच की जा रही है। अन्य किट से जान पूरी तरह से बंद है। जिसके कारण मरीजों को काफी तकलीफ उठाना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारी जानकर भी अनजान बने बैठे हुए हैं। शहर में लगातार कोरोना संक्रमण के मरीज मिल रहे हैं। लेकिन कई जगह जांच देरी से होने के कारण लोगो को काफी परेशानी हो रही है।