बिलासपुर। जिले के कोटा तहसील के मनपहरी गांव में घोंघा जलाशय योजना के तहत मनपहरी एवं खरगा माईनर नहर निर्माण हेतु 7.05 एकड़/2.853 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जाना है। सामाजिक समाघात दल ने ग्राम मनपहरी में भू-अर्जन से पड़ने वाले प्रभाव का आंकलन किया।
मूल्यांकन में पाया गया कि घोंघा जलाशय योजना खरगा एवं मनपहरी माईनर नहर निर्माण से प्रस्तावित नहर बन जाने से कुल 357 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। नहर बन जाने से आस-पास के गांवों के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य वर्ग के किसानों को लाभ मिलेगा, क्योकि किसानों का मुख्य आय स्त्रोत कृषि है। गांव के निस्तारी हेतु तालाबों को भरने में सुविधा मिलेगी जिससे सतही जल का स्तर बना रहेगा। यह परियोजना पूरा होने से किसानों के आय में वृद्धि होगी और सतही जल का दोहन कम होगा। घोंघा जलाशय परियोजना कोटा के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में परियोजना स्थित है जिससे आदिवासी वर्ग को सीधे लाभ होगा। नहर निर्माण के लिए भूमि अर्जन से किसी भी परिवार का विस्थापन नहीं होना और सार्वजनिक एवं निजी अधोसंरचना को कोई क्षति नहीं होना पाया गया। मनपहरी माईनर के लिए 3 किलोमीटर एवं खरगा माईनर के लिए 2.50 किलोमीटर भूमि अर्जित की जा रही है जिससे घोंघा जलाशय योजना के तहत नहर निर्माण की कुल लम्बाई 5.50 किलोमीटर है। योजना से 2 गांव लाभान्वित होंगे जिसमें 357 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ सिंचाई प्रस्तावित है। समाघात दल ने ग्राम मनपहरी तहसील कोटा के अंतर्गत जल संसाधन संभाग कोटा के नहर निर्माण हेतु ग्राम मनपहरी में रकबा 7.05 एकड़ भूमि का अर्जन लोकहित में किए जाने की अनुशंसा की है।