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आधी आबादी के लिए मिसाल हैं थारू की आरती राना, आज सीएम करेंगे सम्मानित

तमाम विपरीत हालात को मात देकर थारू क्षेत्र की आरती राना आज फिर से महिलाओं के लिए मिसाल साबित हुई हैं। उनका चयन प्रदेश सरकार ने सूबे की चार विशिष्ट महिलाओं में किया है। आरती को आज लखनऊ में सीएम योगी सम्मानित करेंगे। 

थारू महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आदिवासी जनजाति थारू क्षेत्र के गोबरौला गांव की आरती राना ने हथकरघा का प्रशिक्षण लेने के बाद गांव की महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें हथकरघा उद्योग के काम में दक्ष किया और आज वह हजारों महिलाओं को रोजगार दे चुकी हैं। आरती राना से जुड़ी कुछ महिलाएं समूहों में काम कर रही हैं तो कुछ अपने घर पर ही यह कार्य कर रोजगार पा रही हैं। 

आरती राना के हस्तशिल्प कला से प्रभावित होकर प्रदेश सरकार ने उनका चयन प्रदेश की चार विशेष महिलाओं में किया है, जिन्हें आज महिला दिवस पर लखनऊ में सम्मानित किया जायेगा। यहां बता दें कि थारू महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए 2016 में आरती राना को यूपी सरकार की तरफ से लक्ष्मीबाई पुरस्कार भी मिल चुका है। 

3600 महिलाएं कर रहीं रोजगार
आरती राना ने 1997 में हथकरघा का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद 2003 में गांव की ही 12 महिलाओं का समूह बनाकर उन्होंने काम की शुरूआत की। शुरूआती दिनों में रुपयों की कमी और कच्चे माल की दिक्कतें आईं। वहीं बाजार न होने के कारण तैयार उत्पाद की बिक्री में भी दिक्कत रही। 2006 में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की मदद से आरती राना ने समूह बढ़ाने शुरू किए। वर्तमान में 350 समूह तैयार हो गए हैं, जिनमें 3600 महिलाएं प्रशिक्षण लेकर रोजगार कर रही हैं। इनमें से 50 महिलाओं का समूह डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर से थारू शिल्प का कार्य कर रहा है, जबकि 550 महिलाएं एक जिला एक उत्पाद के तहत कार्य कर रही हैं। बाकी महिलाएं ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यरत हैं। 

हस्तशिल्प उत्पाद
हस्तशिल्प के उत्पादों में बैग, मोबाइल कवर, कैप, पेपर स्टैंड, मैगजीन बैग, वॉलहैंगिंग बैग, पायदान, फ्लावर पॉट, चप्पल और रोटी की टोकरी, फूल टोकरी, डलिया, डलवा, हैंडलूम से निर्मित बेडशीट, कुशन हाथ का पंखा, पारंपरिक थारू ड्रेस, इंब्रायडरी साड़ी, सूट बार्डर, बंदनवार, सुई धागा व बांस घूघी के हाथ के बने पंखे, लकड़ी की चौकी और झूला आदि शामिल हैं। थारू बाहुल्य गांवों में जनसुविधाओं का अभाव भले ही हो लेकिन यहां की गलियों में हस्तशिल्प कला ने विशिष्ट पहचान बना रखी है।

दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बज चुका है डंका
दिल्ली समेत लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम में लगी प्रदर्शनी में थारू उत्पादों का भी स्टॉल लगाया गया था, जिसमें आरती व पूजा राना ने प्रदर्शनी में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जूट से बनी हैट भी पहनाई थी। इससे पहले भी लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम में लगी प्रदर्शनी में भी हस्तशिल्प कला से निर्मित थारू उत्पादों का डंका बज चुका है। 

प्रदेश सरकार ने राज्य स्तर पर सम्मानित करने का फैसला लिया है। यह मेरे समेत जनपद की थारू क्षेत्र की सभी महिलाओं का सम्मान है। उम्मीद है कि सरकार थारू क्षेत्र की महिलाओं के लिए विशेष कदम उठाएगी। 

  • आरती राना

प्रदेश सरकार ने सूबे से चार महिलाओं का चयन किया है, जिन्हें महिला दिवस पर आज सम्मानित किया जाएगा। लखीमपुर खीरी जनपद से आरती राना का चयन हुआ है। जनपद के लिए यह बहुत खुशी की बात है कि थारू क्षेत्र की आरती राना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लखनऊ में सम्मानित करेंगे। 

  • शैलेंद्र कुमार सिंह, डीएम, लखीमपुर खीरी
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