राजनांदगांव | स्टेट हाई स्कूल मैदान में चल रही जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की प्रचारिका धामेश्वरी देवी जी की दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला के चौथे दिन देवी जी ने वेद और शास्त्रों के प्रमाण सहित बताया कि सर्वान्तरयामी सर्वशक्तिमान भगवान् को बुद्धि के द्वारा बड़े बड़े ज्ञानी तो क्या, ब्रम्हा भी नहीं जान सकते क्योंकि भगवान बुद्वि से परे हैं, मायातीत है। हम सभी जीव गुणों के अधीन है, भगवान माया से परे है, दिव्य है, शाश्वत है, हमारी इन्द्रिय मन बुद्वि मायिक है प्राकृत है इसलिए क्षुद्र शक्ति युक्त है। इसके अतिरिक्त भगवान् अनंत विरोधी धर्मों के अधिष्ठान भी है इसलिए बडे़ बडे़ ब्रम्हा विष्णु शंकर आदि बुद्वि के आधार पर नहीं जान सकते तो साधारण मनुष्य भी भगवान् की शक्ति को नहीं जान सकता।

भगवान् छोटे से छोटे भी है, भगवान् बडे़ से बड़े भी है, वो धर्म से परे है, अधर्म से भी परे है, सृष्टी से परे है किन्तु सृष्टीकर्ता भी है, अकर्ता है किन्तु न्यायकर्ता भी है, कृपाकर्ता भी है, भगवान् से भय भी भयभीत होता है किन्तु भगवान् यशोदा मैया की छडी़ से डरते है। भगवान् को बड़े बडे़ ऋषि मुनि महात्मा अपने पराक्रम से नही जान सकते और वो आत्माराम पूर्णकाम है किन्तु ब्रजगोपियों के साथ रास भी करते है इसलिए ऐसे भगवान् को जानना बुद्वि से असंभव हैं। बुद्धि से भगवान् को जाना नही जा सकता परंतु यदि किसी पर भगवान् की कृपा हो जाये और भगवान् की बुद्धि (दिव्य शक्ति) उसे मिल जाये, तो साधारण मनुष्य भी भगवान् को जान सकता है। भगवत् कृपा कैसे मिलेगी इस हेतु भगवत् कृपा विषय पर कल प्रकाश डाला जाएगा। प्रवचन के अंत में श्री राधाकृष्ण भगवान की आरती के साथ समापन हुआ। 15 दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला का आयोजन दिनांक 8 अप्रैल 2025 तक प्रतिदिन शाम 7 से रात 9 बजे तक होगा।।