शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय, राजनांदगांव में जनभागीदारी अध्यक्ष श्री रवि सिन्हा के पहल से ‘स्पिक मैके ‘संस्थान द्वारा एक भव्य सांस्कृतिक एवं प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कथक कलाकार श्री विश्वदीप शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान कथक कलाकार श्री विश्वदीप शर्मा ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कथक नृत्य की विभिन्न विशेषताओं को प्रस्तुत किया, जिनमें लयबद्ध पद संचालन, चक्कर, भाव-भंगिमा, मुद्राएँ, तातार (पैरों की थाप), अभिव्यक्ति (नृत्य के माध्यम से कथा कहने की कला) और ताल प्रणाली की जटिलता शामिल थीं। इसके साथ ही उन्होंने हाव-भाव और अभिनय के माध्यम से संप्रेषण की महत्ता को दर्शाया और बताया कि क्लासिकल नृत्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि मानसिक शांति, आत्म-अनुशासन और संतुलित जीवन जीने का माध्यम भी है।
तत्पश्चात् डॉ. गौरव जैन ने “जीवन में आगे कैसे बढ़ें” विषय पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान दिया। उन्होंने कहानी विवरण के माध्यम से बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही मार्गदर्शन, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास अत्यंत आवश्यक हैं।उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दुख और कठिनाइयाँ हमें जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।

इस अवसर पर जनभागीदारी अध्यक्ष श्री रवि सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह हमारे महाविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि हमें भारतीय शास्त्रीय कला को करीब से समझने का अवसर मिला। क्लासिकल नृत्य केवल एक कला रूप नहीं, बल्कि ध्यान, आत्म-संयम और मानसिक शांति का एक सशक्त माध्यम भी है। यह विद्यार्थियों को अनुशासन, एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, जो उनके सर्वांगीण विकास में सहायक होगा। श्री सिन्हा ने इस सफल आयोजन के लिए स्पिक मैके संस्थान, अतिथि कलाकारों और महाविद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया । महाविद्यालय ने भविष्य में भी इस प्रकार के सांस्कृतिक और प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई।

कार्यक्रम में जनभागीदारी समिति के सदस्य श्री पंकज कुरंजेकर, श्री राजेश यादव, श्रीमती मंजू मिश्रा, समाजसेवी श्री उत्तमचंद मुनोत, दिल्ली से आयी कत्थक टीम के श्री प्रदीप जी, श्री तुषार सिन्हा एवं महाविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।