राजनांदगांव 25 मार्च। जिले में चर्चित रहे शुभम हत्याकांड के मामले में आज अपर सत्र न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए हत्याकांड के आरोपी नितिन लिम्बू उर्फ मुंकु नेपाली , दिनेश कुमार माहेश्वरी उर्फ गोलू मारवाड़ी तथा मेघा तिवारी को उन पर लगाए गए आरोपों भादवि की धारा 302 /34, 201 ,120 और 25-27 आर्म्स एक्ट से दोषमुक्त करने का आदेश पारित किया।
राजनांदगांव जिले का यह पहला ऐतिहासिक आपराधिक मामला है जिसमें नारको टेस्ट और ब्रेन मैपिंग से मामले का खुलासा होने का पुलिस ने दावा किया था।पुलिस ने विभिन्न स्रोतों से साक्ष्य एकत्र करने का भी दावा किया था और इस मामले में उसने इंस्टाग्राम मैसेज ,व्हाट्सएप मैसेज और चैटिंग ,मोबाइल कॉल डिटेल और टावर लोकेशन के साथ ही सीसीटीवी फुटेज तथा मोबाइल फोन कॉल टेप, प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य ,लगभग 71 गवाहों की सूची बनाकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
घटना का विवरण इस प्रकार है कि पुलिस थाना लालबाग द्वारा प्रस्तुत अभियोग पत्र में आरोपीगण नितिन लिम्बू उर्फ मुंकु नेपाली , दिनेश कुमार माहेश्वरी उर्फ गोलू मारवाड़ी तथा मेघा तिवारी के विरुद्ध यह आरोप लगाया गया था कि 10 सितंबर 2018 को सभी ने साजिश रच कर शुभम नामदेव को शराब पिलाने और लेनदेन का हिसाब क्लियर करने के बहाने पेंड्री में राज इंपिरियल होटल के पास बुलाया और कार में ही उसकी गला काटकर हत्या कर दी । विवेचना के बाद आरोपियों को हिरासत में लेकर उनका नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग टेस्ट गांधीनगर गुजरात में कराया गया था। सभी आरोपियों को 1 अप्रैल 2021 से जेल में निरुद्ध रखा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। प्रकरण में उभय पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायालय द्वारा आरोपियों के खिलाफ अपराध प्रमाणित न पाकर सभी को उनपर लगे आरोपों से दोष मुक्त कर दिया गया। प्रकरण में आरोपियों की ओर से प्रदेश के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत प्रभात तिवारी ने पैरवी की।