तुंहर सरकार, तुंहर द्वार शिविर पूरे राज्य में लगेगा: मुख्यमंत्री
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रायपुर। रायपुर में तुंहर सरकार, तुंहर द्वार योजना की सफलता से उत्साहित होकर सरकार ने अब इसे प्रदेश भर के नगर निगम और नगरीय निकायों में शुरू करने का फैसला लिया है। मंगलवार को सुभाष स्टेडियम में कार्यक्रम के समापन के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य जनता के बीच जाकर काम करना है। इस कार्यक्रम के दौरान कुछ जगहों में विरोध की खबरें मिली थीं, विरोधियों का काम विरोध करना है। इसकी फिक्र न कर जनता के बीच में जाकर काम करें। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने रायपुर के महापौर एजाज ढेबर की तारीफ करते हुए कहा कि महापौर ढेबर के इस कार्यक्रम नायक फिल्म की याद दिलाती है।
उन्होंने नायक फिल्म की तर्ज पर घर-घर जाकर जाकर लोगों की समस्याओं का निराकरण किया है। इस कार्यक्रम में रायपुर ग्रामीण के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, रायपुर नगर निगम के एमआइसी मेंबर, पार्षद, अधिकारी कर्मचारी आदि मौजूद थे।
44 हजार से अधिक लोगों को मिला सीधा लाभ
बता दें कि नगर निगम रायपुर द्वारा 27 जनवरी से दो मार्च तक आयोजित तुंहर सरकार, तुंहर द्वार शिविर का समापन मुख्यमंत्री ने किया। शिविर के तहत 44 हजार से अधिक लोगों को सीधा-सीधा लाभ मिला है। मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों में भी जनसुविधा के विस्तार के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। कोरोना संकट के दौर में नगरीय निकायों में नागरिकों की बहुत-सी समस्याएं लंबित रह गई थीं। उनके त्वरित निराकरण के लिए वर्तमान में रायपुर नगर निगम द्वारा अभिनव पहल करते हुए उक्त विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उनकी दिक्कतों को दूर करने में काफी मददगार रहा है। उन्होंने इस अवसर पर शिविर में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शासकीय कर्मियों और स्वैच्छिक संगठनों को सम्मानित भी किया।
महापौर और पार्षद साइकिल से, अधिकारी दौड़ाते रहे गाड़ी
तुंहर सरकार, तुंहर द्वार का कार्यक्रम मंगलवार को सुभाष स्टेडियम में समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम की शुरुआत में महापौर एजाज ढेबर के दावे फेल साबित हुए हैं। महापौर ने दावा किया था कि नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी सरकारी वाहन का उपयोग नहीं करेंगे। इससे निगम को एक माह में करीब पचास लाख रुपये डीजल पेट्रोल पर खर्च होने वाली राशि की बचत होगी, लेकिन मंगलवार को शिविर के समापन के बाद डीजल-पेट्रोल का सिर्फ 22 लाख रुपये ही बचा पाए हैं। निगम द्वारा जारी आंकड़े इससे यह साबित होता है कि निगम के अधिकारी और कर्मचारी चोरी-छिपे सरकारी वाहन का उपयोग कर रहे थे। वहीं, शिविर के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक वार्डों में शिविरों में विरोध हुआ तो सैकड़ों आवेदनों का त्वरित निदान भी नहीं हो पाया है।
इन प्रकरणों का हुआ निराकरण
– सात हजार 420 राशन कार्ड
– सात हजार सात श्रमिक पंजीयन कार्ड
– 10 हजार 274 परिवार डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना
– 68 शिविर में 39 हजार 25 प्रकरणों में तत्काल निदान
– दिव्यांगो को 30 उपकरण
– 27 ट्राइसिकल व्हील चेयर
-वेंडिंग कार्ड 730 बनाये गये।
-361 स्ट्रीट लाइट लगाई गई।
– 201 जगहों में नाली पुलिया सफाई
– 524 मामलों में पानी संबंधित सुधार कार्य
– दो हजार 694 मामलों में एनयूएलएम के तहत त्वरित निदान
– दो हजार 237 आधार कार्ड
– मोर जमीन मोर मकान योजना में 3386 प्रकरणों का निदान
– लोककर्म विभाग द्वारा 1031 मांगों पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई ।
– 1001 सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रकरण स्वीकृत
– महिला एवं बाल विकास विभाग ने 215 प्रकरण का निदान
– विद्युत विभाग ने 144 प्रकरणों पर कार्यवाही
– नौ अनुज्ञप्ति लाइसेंस
– छह गुमास्ता लाइसेंस
अन्य विभागों के 2323 प्रकरणों पर कार्यवाही
– एनयूएलएम के तहत पीएम स्वनिधि राशि 130.20 लाख स्वीकृत
– समूह लोन 28.35 लाख, बैंक लिंकेज 43.85 लाख
– व्यक्तिगत लोन 38.95 लाख
– स्वसहायता समूह आवर्ती निधि लोन 16.80 लाख
– एएलएफ का आवर्ती निधि लोन एक लाख