राजनांदगांव सचिवों की हड़ताल के कारण ग्राम पंचायतों में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को दूसरे दिन भी धरना स्थल कलेक्ट्रेट के समाने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
शासकीयकरण सहित अपनी अन्य मांगों पर प्रदेश संघ के आव्हान पर सचिवों ने हड़ताल शुरू की है। जिसके चलते ग्राम पंचायतों में काम ठप हो गया। जिले में कुल 408 सचिव है जो जिले के चारो ब्लॉकों में कामकाज छोड़ कर धरना प्रदर्शन कर रहें है। सचिव संघ के राजनांदगांव ब्लॉक अध्यक्ष दीपक कुमार वैष्णव ने बताया कि मोदी गारंटी पूरी नहीं करने के कारण हड़ताल शुरू की है। विधानसभा चुनाव के समय मोदी की गांरटी में पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने का वादा किया गया है। साल 1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों को शासकीयकरण की गांरटी दी गई।
इंडोर स्टेडियम रायपुर के सभागार में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री, मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग तथा घोषणा पत्र के संयोजक दुर्ग सांसद की उपस्थिति में शासकीय करण करने घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समिति गठन कर 30 दिनों में रिपोर्ट पेश करने उल्लेख किया गया। आदेश के परिपालन में कमेटी ने पंचायत सचिवों के शासकीय करण के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया। सचिवों को आशा थी कि रिपोर्ट अनुसार बजट सत्र में शासकीय करण की सौगात मिलेगी। लेकिन बजट सत्र में नहीं आने एवं इस विषय पर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं करने के कारण पंचायत सचिवों ने हड़ताल शुरू कर दी है।