ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में बागवानी उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें पौधों, फू लों, फलों व सब्जियों की खेती और देखभाल की जाती है। यह कृ षि का एक जरूरी हिस्सा है, जो पर्यावरण को संतुलित रखने और प्राकृ तिक सौंदर्य को बढ़ाने में मदद करता है। प्रकृति से प्रेम करने वाले स्टूडेंट्स इसमें कॅरियर बना सकते हैं। साइंस स्ट्रीम में 12वीं करके इसमें ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं। बीएससी एग्रीकल्चर में डिग्री हासिल करने के बाद आगे की पढ़ाई की जा सकती है। गौरतलब है कि विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में बागवानी क ी पढ़ाई होती है। साथ ही कई यूनिवर्सिटीज हॉर्टिकल्चर में चार साल का बीटेक प्रोग्राम भी चलाती हैं।
पढ़ाई पूरी करने के बाद विभिन्न सरकारी संस्थाओं जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान, आइएआरआइ, सीएसआइआर, एनबीआरआइ, अपेडा आदि में हॉर्टिकल्चरिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं। नेट या पीएचडी करने के बाद कृ षि कॉलेज या विवि. में पढ़ा सकते हैं। विभिन्न नगर निगमों में बागवानी निरीक्षक, हॉर्टिकल्चर स्पेशलिस्ट आदि के तौर पर भी नौकरी की जा सकती है।
शिक्षण संस्थान
कोर्स
बीएससी(ओनर)इन एग्रीकल्चर
ऱ् डिप्लोमा इन हॉर्टिकल्चर
; पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा इन हॉर्टिकल्चर
< मास्टर ऑफ साइंस इन हॉर्टिकल्चर
= बागवानी में प्रमाण पत्र कोर्स
> इंटर्नशिप और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स