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राजनीति

पद किसी को मिलता है,अहंकार किसी का बढ़ जाता है

राजनीति में पद जिसको मिलता है, उसका अहंकार तो बढ़ता है कि हम भी अब कुछ हैं लेकिन उसके समर्थकों का अहंकार, उसके परिवार के लोगों का अहंकार ज्यादा ही बढ़ जाता है कि हमारा परिवार अब आम नहीं रहा, हमारा परिवार अब खास हो गया है। अहंकार बढ़ जाता है तो ऐसा लगता है कि हम ही सबसे बड़े हैं, कानून से बड़े हो गए हैं। कई बार इस बात का एहसास आसपास के लोग करा देते हैं कि कि तेरे परिवार के पास पावर है, तुझे कोई कुछ करने से कौन रोक सकता है।जबआसपास के लोग ही कहते हैं सड़क पर जन्मदिन मनाना कोई अपराध थोड़े ही हो,जिसके परिवार के पास पावर आ गया है,उस परिवार के सदस्य को भी लगता है कि गलत थोड़ी कह रहे हैं।

पावर का नशा तो वैसे ही ठीक नहीं रहता है,उस पर शराब या किसी पदार्थ का नशा हो तो लगता है हम जो कुछ कर रहे हैं,सही कर रहे हैं।हम कोई अपराध थोड़े न कर रहे हैं।वह तो सबेरे पावर व किसी पदार्थ का नशा उतरने पर पता चलता है कि रात को हमसे अपराध हो गया है। ऐसा अपराध जिसके बारे में शहर को सबको मालूम है कि अब सड़क पर जन्मदिन मनाकर रास्ता जाम करना अपराध है।पैसा है,पद है, पावर है तो किसी को अपराध करने की छूट नहीं मिल जाती है, कोई कानून से बड़ा नहीं हो जाता है। बात जब सार्वजनिक हो जाती है तो पुलिस को साबित करना पड़ता है कि कानून से कोई बड़ा नही है। 

आज कल सोशल मीडिया का जमाना है।कोई भी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देता है, कोई भी पुलिस से शिकायत कर देता है कि सड़क पर जन्म दिन मनाने के कारण रास्ता जाम हो गया और उसे घर जाने में परेशानी हुई।ऐसे छोटे-छोटे मामले का अदालत भी संज्ञान लेने लगे तो पुलिस भी ऐसे मामले को अब हल्के से नहीं ले सकती। बड़े आदमी का बेटा है, किसी राजनीतिक संगठन का जिला अध्यक्ष है, या किसी मेयर का बेटा है तो पुलिस को मजबूर होकर कार्रवाई करनी पड़ती है, गिरफ्तार करना पड़ता है। अदालत को बताना पड़ता है कि देखिए हम इस मामले को हल्के से नहीं ले रहे हैं, हमने तो कार्रवाई की है। हमने कानून को न मानने वालों को बताया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।

इस बार मेयर के बेटे ने साथियों के साथ सड़क पर जन्म दिन मनाया । उन्होंने भी वही गलती की जो गलती इससे पहले एक अमीर बाप के बेटे ने की थी, कांग्रेस के छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष ने की थी। सोशल मीडिया से पूरे शहर के लोगों को पता चल गया कि इस बार सड़क पर जन्म दिन मनाने की गलती मेयर के बेटे से हो गई है। सबको इंतजार था कि पुलिस क्या करती है। अच्छा हुआ पुलिस ने वही किया जो उसने पहले किया था।मेयर के बेटे व साथियों को गिरफ्तार किया और उनको अदालत से जमानत मिल गई। यह तो पता नहीं चला है कि बेटे ने अपनी गलती मानी है या नहीं लेकिन शहर की मेयर उसकी मां ने गलती मानी है कि उनके बेटे से गलती हो गई, अब ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।

यह अच्छी बात है कि मेयर मां ने स्वीकार किया कि उसके बेटे से गलती हो गई है।अमीर बाप ने अपने बेटे की गलती नहीं स्वीकारी थी, कांग्रेस के एक संगठन के पदाधिकारी या कांग्रेस ने भी स्वीकार नहीं किया था कि उसके एक संगठन के पदाधिकारी से गलती हो गई है। अब वह दोबारा ऐसी गलती नहीं करेंगे।अक्सर ऐसा होता है कि पैसा बाप कमाता है और पैसे का घमंड बाप से ज्यादा बेटे को हो जाता है। जिला अध्यक्ष जो बनता है, उससे ज्यादा घमंड उसके मित्रों को हो जाता है।विधायक,सांसद कोई बनता है और उसके समर्थकों को लगता है वही विधायक सांसद बन गए है। विधायक,सांसद दावा नहीं करते कि वह सब काम करवा देंगे लेकिन उनके समर्थक दावा करते हैं कि ऐसा कोई काम नही जो वह नही करवा सकते।

कहते हैं न कि कलेक्टर का चपरासी भी कलेक्टर से कम नहीं होता है, चाय से ज्यादा गरम केटली होती है। ऐसा पहले भी होता रहा है, आज भी हो रहा है और आगे भी होता रहेगा।सबको मालूम है कि अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा,सबको मालूम है कि अहंकार एक दिन बड़ा दुख देता है, शर्मिंदा करता है।फिर भी आदमी को पद,पैसा और पावर का अहंकार हो ही जाता है, लोगों को अहंकार दिख ही जाता है, लोगों को पता चल ही जाता है कि देखाे पद,पैसा और पावर होता है आदमी कितना बदल जाता है। पहले जो झुककर मिलता था, वह अब कहता है कि मिलो तो झुककर मिलाे।जितने ज्यादा लोग झुककर मिलते हैं उतना ही अच्छा लगता है।

कोई शहर का मेयर हो जाता है तो वह कहेगा नहीं लेकिन भीतर से चाहता जरूर है कि शहर के लोग उनका झुककर सम्मान करें। कुछ लोग मेयर के बेटे का सम्मान झुककर करते हैं तो मेयर के बेटे को भी लगता है कि मेरी मां कुछ है तो मैं भी कुछ हूं।मेयर मां ने अभी गलती स्वीकारी है। अगर बेटा इसी तरह मेरी मां कुछ है तो मैं भी कुछ हूं समझता रहा तो भविष्य में भी बेटे की गलती इसी तरह स्वीकारनी प़ड़ेगी। अच्छा तो यही है कि बेटे को समझा दे मेयर मां की मेयर मैं हूं, तुम कुछ नहीं हो। ऐसा न हो मां ने सालों जो मेहनत कर सम्मान पाया है, वह बेटे के कारण कुछ  सालाें में गवां दे।

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