छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिलाराज्‍य

गांवों के विकास के लिए ग्रामसभा को मिले मजबूती

राजनांदगांव। कोरोना काल के समय से ग्राम पंचायत में विकास का काम अधर में फंस गया है। हालांकि अब पंचायतों में विकास के काम-काज शुरू हो गए हैं। लेकिन गांव के विकास के लिए ग्रामीण जनता पहले की तरह ग्राम सभा को मजबूती देने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार का बजट आने वाला है। ग्रामीण जनता सरकार के बजट में इस बार ग्राम सभा को महत्व दिलाने की उम्मीद में है। ताकि गांव के विकास में ग्राम सभा की भूमिका भी हो।हाल ही में खड़गांव क्षेत्र से दर्जनों गांव के ग्रामीण पांचवीं अनुसूची ग्राम सभा को लागू करने की मांग लेकर पदयात्रा करते हुए राजधानी रायपुर भी पहुंचे थे। यही मांग जिले के सभी 802 पंचायतों के ग्रामीण कर रहे हैं। उम्मींद है कि सरकार अपने इस बार के बजट में ग्रामीणों की मांग पूरी करेगी।ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के कई काम कोरोना काल के समय से अधूरे हैं। इन कार्यों को पूरा करने की राशि भी अब दोगुनी हो गई है। स्कूल के साथ कई सामाजिक भवनों को काम बीच में लटक गया है। जिले के 34 गांवों में नल-जल योजना का काम भी मजधार में है। ग्रामीण जनता सरकार के आने वाले बजट में हर गांव में नल-जल योजना शुरू कराने के साथ इसके करों में छूट की मांग कर रहे हैं। राजनांदगांव ब्लाक के ग्राम बैगाटोला पंचायत के पूर्व प्रतिनिधि मेघदास वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण विकास कार्यों की मॉनिटरिंग जरूरी है। सरकार अपने बजट में ग्रामीण विकास के लिए कई योजनाओं के तरह राशि स्वीकृत करती है। विकास के कार्य भी होते हैं, लेकिन मॉनिटरिंग कागजों पर ही होती है, जिससे अधिकांश विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। गांव के विकास में भ्रष्टाचार ना हो, इसलिए मॉनिटरिंग जरूरी है। सरकार जनपद पंचायतों के अफसरों के साथ ग्राम सभा के पदाधिकारियों को भी इसकी जिम्मेदारी दें। खड़गांव क्षेत्र के महेंद्र साहू ने कहा कि ग्राम सभा को पहले ही तहत महत्व दिया जाए। पंचायत में होने वाले हर कार्यों की जानकारी ग्राम सभा को दें, ताकि गांव के हर विकास कार्यों पर ग्राम सभा नजर रख सकें।

मूलभूत सुविधाओं की राशि का उपयोग नहींजिले में कुल 1649 गांव हैं, जहां दो लाख 58 हजार 685 परिवार निवासरत हैं। जिले के सभी 802 पंचायतों के मूलभूत सुविधाओं के लिए शासन राशि वहन करती है, लेकिन जिले के ज्यादातर पंचायतों में मूलभूत की राशि का सदुपयोग नहीं होता। स्वच्छ भारत अभियान के तहत भी पंचायतों को फंड जारी किया गया, पर वर्तमान में ज्यादातर पंचायतों में सफाई का हाल बेहाल है। सड़क-बिजली व पानी की व्यवस्था तो हर गांव में ठीक है। ंजिले के अधिकांश गांवों में नल-जल योजना पहुंच गई है। गांवों में समस्या केवल सफाई की है

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