पहली कोरोना ह रोवइस, अब भाड़ा सताही…
रायपुर-बिलासपुर-रायपुर डोंगरगढ़ और दुर्ग-रायपुर के लिए लोकल ट्रेन का परिचालन शुरू। दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, भाटापारा और बिलासपुर के यात्रियों को मिली राहत।
अजमत अली, रायपुर। लोकल ट्रेनों के चलने का इंतजार आखिरकार शुक्रवार को खत्म हो गया। बस में रोज धक्का खाकर सफर करने वाले यात्रियों का चेहरा नजरों के सामने लोकल ट्रेन देख खिल उठा। शाम चार बजे से ही रेलवे ने यात्रियों की मेहमान-नवाजी शुरू कर दी थी। एक-एक यात्रियों को स्टेशन परिसर में ही सैनिटाइज किया गया।
ट्रेन पहले ही सैनिटाइज हो चुकी थी। कोई समय से पहले तो कोई भागते हुए ट्रेन में सवार हुआ। घड़ी की सुई जैसे ही 5.20 बजे पहुंची। लोको पायलट एके पाली ने पहले ब्रेक लगाया, फिर प्रेशर को डाउन किया। पलक झपकते ही ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली।
रेल पटरी और पहिये का संगम हो चुका था। इधर, बोगियों में बैठे यात्रियों की जुबां धीरे-धीरे खुलनी शुरू हुई। फिर क्या, बतकही का दौर शुरू हुआ। नईदुनिया की टीम ने रायपुर से दुर्ग स्टेशन तक सफर किया। ट्रेन में यात्रियों के राडार पर सबसे पहले रेलवे आया।
कोरोना काल से पहले 10 स्र्पये में दुर्ग से रायपुर तक सफर करने वाले पैसेंजरों का दर्द छलक उठा। चरोदा की रंजू भाला धरे गुस्से से तिलमिलाए बैठी थीं। लोकल ट्रेन और सफर पर सवाल होते ही तपाक से जवाब दिया-‘पहली कोरोना ह रोवाइस, अब भाड़ा सताही…। पहली 10 स्र्पया मा सफर करत रेहेन। अब किराया ल बढ़ाके तीन गुना कर दिस…।
मजदूरी करने वालों की जुबां से किराए को लेकर छलके दर्द में भिलाई पावर हाउस की बबिता और चरोदा जी-केबिन की त्रिवेणी ने भी हामी भरी। महिलाएं रेलवे को कोस रही थीं। वहीं, सामने बैठे राजनांदगांव के मनीष के चेहरे पर चमक दिखी। उनका कहना था कि बस में धक्का खाने से बच गए। हां, किराया तो जरूर बढ़ गया, लेकिन समय की बचत हो गई। समय से घर पहुंच जाएंगे।
फायदे और नुकसान की चासनी में रेलवे कर्मी भी गोता लगा रहे थे। पहले दिन रायपुर से 40 यात्री लोकल में सवार हुए। इनमें से 12 यात्री रेलकर्मी थे। इन्हें इस बात की खुशी थी कि अब ये छह बजे तक घर पहुंच जाएंगे, पहले रात नौ बजे तक पहुंच पाते थे। बस, में होने वाले खर्च से राहत मिल गई। रेलवे का पास जिंदाबाद…।
भइया, एक्सप्रेस का नहीं-लोकल का चाहिए टिकट
रायपुर रेलवे स्टेशन के अनारक्षित टिकट घर के बाहर कुछ यात्री और काउंटर पर बैठे रेल कर्मी से तकरार होती रही। एक महिलाओं का समूह काउंटर पर पहुंचा और दुर्ग तक का टिकट मांगा। काउंटर की तरफ से आवाज आई, 30 स्र्पये दीजिए…। यह सुन यात्री एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। इन्हें लगा कि रेल कर्मी एक्सप्रेस ट्रेन का किराया मांग रहा है। बाहर से जवाब दिया गया लोकल ट्रेन का टिकट चाहिए। रेल कर्मी ने फिर जवाब दिया, जी हां 30 स्र्पये दीजिए।
100 स्र्पये की शुद्ध बचत
ट्रेन में सफर कर रही छात्रा अमृता और अंजली का कहना है कि लोकल ट्रेन चलने से उनका बजट अब नहीं बिगड़ सकेगा। करीब 100 स्र्पये की शुद्ध बचत हो जाएगी। एमएसटी बनने के बाद रोज होने वाले नुकसान से राहत मिल जाएगी। भिलाई से रायपुर तक बस और आटो के मद में काफी पैसा खर्च हो जाता है। लोकल ट्रेन का सफर इस खर्च को काफी हद तक रोकने में मदद करेगा।
लाइफलाइन की खबर तक नहीं…
ट्रेन की जानकारी मुझे सुबह हुई कि शाम को चलने वाली है। जब आया तो अजीब सा लगा। पूरी ट्रेन खाली। रेलवे ठीक से प्रचार-प्रसार तक नहीं करा सका।
सुरेंद्र सिंह, यात्री
भिलाई नगर के लिए पैसेंजर ट्रेन में आरक्षण कराने के लिए स्टेशन पहुंचा तब बताया गया कि शाम को लोकल है। अब सफर आसान हो गया। लेकिन किराया, वाकई हैरान कर रहा है।
तस्र्ण जेटवा, यात्री
रेलवे ने खुद सैनिटाइज किया। फिर मैनें खुद अपने बर्थ को सैनिटाइज किया। बहुत खुशी मिली कि अब डोंगरगढ़ तक सफर आसान हो गया। लेकिन 25 स्र्पये का किराया, अब 50 स्र्पये हो गया।
संचिता दत्ता, यात्री
एमएसटी के लिए भटक रहे यात्री
लोकल ट्रेन के शुरू होने की खबर लगते ही लोकल ट्रेन से रायपुर से भिलाई और दुर्ग सफर करने वाले यात्री रिजर्वेशन काउंटर पर एमएसटी बनवाने के लिए भटकते नजर आए। यात्रियों के रिजर्वेशन काउंटर पर पहुंचने के बाद उनको पता चला कि एमएसटी की सुविधा बंद है। इसके साथ ही उन्हीं यात्रियों को ट्रेन के अंदर प्रवेश दिया जाएगा, जिनके पास टिकट रहेगा।
नई ट्रेनों की सेवा शुरू
बिलासपुर-रायपुर-बिलासपुर मेमू स्पेशल ट्रेन 13 और 14 फरवरी से शुरू हो रही। रायपुर दुर्ग मेमू स्पेशल ट्रेन 14 फरवरी से ,दुर्ग रायपुर मेमू स्पेशल ट्रेन 15 फरवरी, रायपुर डोंगरगढ़ बिलासपुर मेमू स्पेशल 13 फरवरी, रायपुर-डोंगरगढ़-रायपुर मेमू स्पेशल 13 फरवरी से चलाई जाएगी। रेलवे ने वर्तमान में इन ट्रेनों का किराया रायपुर से बिलासपुर 55 रुपये, रायपुर से दुर्ग 30 रुपये और रायपुर से डोंगरगढ़ 50 रुपये रखा है।
इन गाड़ियों में अतिरिक्त कोच
रायपुर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली दुर्ग छपरा-दुर्ग स्पेशल, दुर्ग-भोपाल-दुर्ग स्पेशल और दुर्ग-कानपुर सेंट्रल-दुर्ग और बिलासपुर भगत की कोठी एवं बिलासपुर-बीकानेर स्पेशल गाड़ियो में एक-एक अस्थायी अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा प्रदान की जा रही है। यह सुविधा दुर्ग-छपरा-दुर्ग स्पेशल ट्रेन में दुर्ग से 13 फरवरी से 15 फरवरी तक, दुर्ग भोपाल-दुर्ग स्पेशल ट्रेन में एक स्लीपर कोच दुर्ग से 13 से 16 फरवरी तक अतिरिक्त एक स्लीपर कोच और दुर्ग कानपुर सेंट्रल-दुर्ग स्पेशल ट्रेन में एक स्लीपर कोच, दुर्ग से 16 फरवरी को एक अतिरिक्त स्लीपर कोच तथा बिलासपुर-भगत की कोठी-बिलासपुर स्पेशल ट्रेन में एक स्लीपर कोच, बिलासपुर से 15 से 16 फरवरी को एक अतिरिक्त स्लीपर कोच, बिलासपुर-बीकानेर-बिलासपुर स्पेशल ट्रेन में एक स्लीपर कोच की सुविधा बिलासपुर से 13 फरवरी को एक अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा उपलब्ध रहेगी।