रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में आगामी 1 फरवरी 2025 को होने वाले दसवें दीक्षांत समारोह में छात्रों के साथ नाइंसाफी का मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय ने एक भूतपूर्व छात्रा को, जो 2021-22 में फल विज्ञान विभाग से स्नातकोत्तर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होकर विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान पर रही, स्वर्ण पदक से वंचित रखा है।
इस छात्रा को विश्वविद्यालय की स्वर्ण पदक के लिए हकदार माना गया था, लेकिन नवम दीक्षांत समारोह के समय पदक की सूची में उसके नाम की जगह किसी अन्य छात्र का नाम था। इसके बाद छात्रा ने आपत्ति उठाते हुए दावा किया, जिसके बाद सूची में उसका नाम सही किया गया। लेकिन उसे यह कहकर टाल दिया गया कि आगे उसे पदक दिया जाएगा।
अब पूरे दो साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन विश्वविद्यालय ने कोई सूचना नहीं दी और छात्रा के स्वर्ण पदक का वितरण अभी तक नहीं किया गया। इतना ही नहीं, आगामी दीक्षांत समारोह में भी छात्रा को आमंत्रित नहीं किया गया। छात्रा ने कई बार विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और मामला अब तक लटका हुआ है।
इस मामले पर छात्रा का कहना है कि उसने कड़ी मेहनत से स्वर्ण पदक प्राप्त किया था, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा उसकी मेहनत को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा। यह स्थिति छात्रों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिर मेहनत का फल मिलने में इतनी देर क्यों हो रही है?
इस अत्यंत निंदनीय घटना से विश्वविद्यालय की छवि पर सवाल खड़ा हो गया है और छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित करना विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही का परिचायक है।