कोरोना की मार:बोर्ड परीक्षा की मेरिट में इस बार छात्रों को नहीं मिलेंगे बोनस अंक
पास होने के लिए अब भी काम आएगा बोनस नंबर, अंकसूची में जोड़ा जाएगा– बोनस नंबर की वजह से इस बार कोई छात्र टॉपर नहीं बन सकेगा। मेरिट लिस्ट में इन नंबरों को नहीं जोड़ा जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। पास होने के लिए अब भी यह बोनस नंबर काम आएंगे। क्योंकि, इसके नंबर जोड़कर अंकसूची तैयार की जाएगी।बोनस के रूप में विभिन्न कैटेगरी में छात्रों को 10 से लेकर 20 नंबर तक बोनस के रूप में दिए जाते हैं। पिछली सालों में यह देखा गया है कि बोनस नंबर की वजह से कई छात्रों ने टॉप-10 की मेरिट लिस्ट में जगह बनायी। कई छात्र मेरिट लिस्ट में भी टॉप पर रहे। लेकिन इस साल ऐसी स्थिति नहीं रहेगी। बोनस नंबर को बगैर जोड़े इस बार मेरिट लिस्ट तैयार होगी। जैसे यदि किसी छात्र ने सभी विषयों में 470 नंबर पाया और बोनस के रूप में उसे 10 नंबर मिले, तो कुल प्राप्तांक 480 नंबर होता है। लेकिन मेरिट में 470 नंबर ही मान्य होगा। 10वीं-12वीं के छात्रों को एनसीसी, एनएसएस, खेलकूद समेत अन्य कैटेगरी में बोनस के रूप में 10 से 20 नंबर तक देने का प्रावधान है।दसवीं में 83 हजार तो बारहवीं में 27 हजार छात्र देंगे परीक्षादसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के लिए इस बार 7 लाख 56 हजार छात्रों के आवेदन मिले हैं। पिछली बार की तुलना में दसवीं में 83 हजार जबकि बारहवीं में 27 हजार छात्र बढ़े हैं। कोरोना काल में ऑफलाइन एग्जाम और छात्रों की संख्या अधिक होने की वजह से इस वर्ष केंद्रों की संख्या बढ़ायी जाएगी। अफसरों का कहना है कि जिस स्कूल से छात्रों ने आवेदन किया है, वहीं उसका परीक्षा केंद्र होगा।पिछली बार राज्य में करीब ढाई हजार परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। वहीं इस बार केंद्रों की संख्या साढ़े छह हजार तक होगी। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछली बार नवमी और ग्यारहवीं की वार्षिक परीक्षा नहीं हुई। सभी छात्रों को पास करके अगली कक्षा में भेज दिया गया। इसे लेकर संभावना थी कि इस बार बोर्ड एग्जाम के लिए छात्रों की संख्या अधिक होगी। यह आंकड़ा आठ लाख से अधिक हो सकता है। लेकिन आवेदन की तिथि खत्म होने के बाद छात्रों की जो संख्या सामने आयी उसमें छात्र तो जरूर बढ़े लेकिन आंकड़ा आठ लाख तक भी नहीं पहुंच सका।माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के अफसरों का कहना है कि बड़ी संख्या में इस बार छात्र पूरक परीक्षा में पास हुए नहीं तो छात्रों की संख्या आठ लाख से अधिक होती। फिर भी पिछली बार की तुलना में इस बार 1 लाख 10 हजार छात्र बढ़े हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद माशिमं ने एक बार फिर आवेदन का अवसर दिया था।इसके लिए छात्रों को हजार रुपए विलंब शुल्क भी देना था। इसके तहत भी आवेदन की तारीख खत्म हो गई है। अब इसकी संभावना कम है कि फिर से आवेदन की तारीख बढ़ायी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि विलंब शुल्क के साथ जब आवेदन मंगाए गए तो काफी कम संख्या में छात्रों ने फार्म भरे।संक्रमण की वजह से आयोजन नहीं इसलिए बोनस नंबर भी मुश्किल कोरोना काल में स्कूल बंद रहे। विभिन्न गतिविधियां भी नहीं हुई। इसलिए इस बार छात्रों को बोनस नंबर मिलने की संभावना कम है। माशिमं के अफसरों का कहना है कि हमें लोक शिक्षण संचालनालय से बोनस नंबर के लिए छात्रों की सूची आती है।इसके अनुसार ही छात्रों को बोनस नंबर दिए जाते है। संचालनालय से लिस्ट आएगी तो फिर बोनस नंबर दिए जाएंगे। लिस्ट नहीं आएगी तो नहीं दिए जाएंगे। पिछली बार दसवीं में 1777 और बारहवीं में 1721 छात्रों को बोनस अंक मिला था। इसके अलावा बारहवीं व्यावसायिक में भी 9 छात्रांे को इसका लाभ मिला था।