NASA के चंद्र एक्स-रे वेधाशाला ने खोजा नया पिंड पल्सर, जानें इसके बारे में
नासा (NASA) ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की है। यह तस्वीर चंद्र एक्स-रे वेधाशाला (Chandra X-ray Observatory) से ली गई है। जो ब्रह्माण्ड के पिंड पल्सर (Pulsar) की है। यह पिंड दिखने में बेहद खूबसूरत है। लोग इसकी तुलना गुलाब से कर रहे हैं। बता दें नासा ने इस स्पेशल पल्सर की फोटो का लिंक लोगों को वॉलपेपर बनाने के लिए भी दिया है। नासा ने कहा कि पल्सर का व्यास 20 किलोमीटर है। उसके दाईं तरफ का पल्सर एसएक्सपी 1062 है। यह 18 मिनट में एक चक्कर लगा सकता है।
नासा ने अबतक खोजे गए सबसे तेज पल्सर के बारे में बताया कि सबसे तेज पल्सर पीएसआर जे1748-2446एडी है। यह एक सेकेंड में 716 बार चक्कर लगाता है। उसका रोटेशन ही उसे विशेषता देता है। उसके कारण विकिरणों की बीम निकलती है, वह घूमती है।
क्या है पल्सर? पल्सर का एक विशाल स्टार का सेंटर होता है। यह सुपरनोवा के तौर पर विस्फोटित होता है। न्यूट्रॉन तारे संकुचित होकर चुंबकीय हो जाते हैं और घूमती हुई बॉल में बदल जाते हैं। इनका वजन 5 लाख पृथ्वी के बराबर होता है। पल्सर की सबसे बड़ी खासियत है उसका उत्सर्जन। एक पल्सर से विशाल मात्रा में रेडियो तरंगें, प्रकाश, एक्स रे विकिरण और गामा निकलते हैं। जब उत्सर्जित विकरण धरती पर पड़की है तो लगता है कि किसी पल्स नियमित कंपन कर रहा हो। इसलिए पिंडो को पल्सर कहा जाता है।
पल्सर का गर्म और विशालकाय साथी
वैज्ञानिकों के मुताबिक एसएक्सपी 1062 एक सुपरनोवा का अवशेष है। पल्सर के निकट एक बिखरी एक्स रे और प्रकाशीय खोल के कारण, यह पल्सर हजारों पल्सरों में से एक है। जिसे चंद्र वेधशाला ने साल 1999 से अब तक खोजा हैं। शोधकर्ता ने चंद्रमा की फोटो और प्रकाशीय तस्वीर की तुलना की है। जिसमें सामने आया कि इस पल्सर का गर्म और विशालकाय साथी है और एक गैस व धूल का बड़ा पिंड है।