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मध्य प्रदेश

इंदौर के 193 साल पुराने गोपाल मंदिर को शादी के लिए किराए पर दिया गया

इंदौर
होलकर कालीन जिस ऐतिहासिक गोपाल मंदिर को स्मार्ट सिटी कंपनी ने करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा, उस आस्था के केंद्र को रविवार को मैरिज गार्डन के रूप में तब्दील किया गया।

आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए वहां न सिर्फ शादी हुई, बल्कि मेहमानों का शाही भोज भी आयोजित किया गया। प्रशासन के धर्मस्व विभाग के अफसरों ने नियमों को ताक में रखकर इस आयोजन की अनुमति दी। इस घटनाक्रम पर शहर में हल्ला मचने पर जिम्मेदार अधिकारी जागे और जांच के आदेश दिए।

राजवाड़ा स्थित शहर के प्राचीन गोपाल मंदिर में रविवार को हुई शादी ने प्रशासन के लापरवाहीपूर्ण रवैये को उजागर कर दिया। धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र को महज एक लाख रुपये में किराए पर देकर शादी का आयोजन कराया गया।
मैरिज गार्डन की तरह उपयोग

गर्भगृह के सामने हवन कुंड और मंडप बनाया गया। मंदिर के गलियारे में सोफे रखे गए और भोजन पकाने और मेहमानों को परोसने की शाही व्यवस्था करके मंदिर परिसर को किसी मैरिज गार्डन की तरह इस्तेमाल किया गया। मंदिर के बाहर मेहमानों के लिए की गई बेरिकेडिंग से भक्तों को मंदिर तक पहुंचने में परेशानी हुई।

भक्तों को दर्शन करना भी मुश्किल

वहीं गर्भगृह के सामने फेरे होने के कारण भक्तों को दर्शन करना भी मुश्किल होता रहा। भोजन पकाने और टेंट लगाने की वजह से मुख्य मंदिर के आसपास का रास्ता भी बंद कर दिया गया। विवाह आयोजन की बुकिंग 29 जुलाई को सिर्फ 25,551 रुपये में की गई थी। इसके बाद जमा हुई राशि की रसीद सामने नहीं आई।

मंदिर की पवित्रता का नहीं रखा ध्यान

होलकर कालीन प्राचीन गोपाल मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। इसकी पवित्रता बनाए रखने वाले अधिकारियों ने मंदिर को पार्टी वेन्यू में बदलकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। मंदिर की आमदनी बढ़ाने के लिए धार्मिक स्थल को पार्टी स्थल में बदल दिया।

मंदिर के मैनेजर केएल कौशल का कहना है कि माफी अधिकारी के निर्देश पर एक लाख रुपये लेकर शादी के लिए मंदिर परिसर किराए पर दिया था। मैनेजर अधिकारियों के आदेश का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे।

1832 में हुआ था मंदिर का निर्माण

राजवाड़ा के समीप गोपाल मंदिर का निर्माण यशवंतराव होलकर प्रथम की पत्नी कृष्णाबाई ने सन 1832 में 80 हजार रुपये में कराया था। मुख्य मंदिर पत्थर और परिसर के कक्ष पत्थर और लकड़ी से बनाए गए हैं। सागवान और कालिया की लकड़ी से बने मंदिर को मराठा और राजपूत शैली में आकार दिया गया है। तीन साल पहले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस मंदिर को 20 करोड़ रुपये में संरक्षित किया गया था।

अपर कलेक्टर को सौंपी जांच

    संभागायुक्त के निर्देश पर गोपाल मंदिर में विवाह कार्यक्रम आयोजित करने के मामले की जांच अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को सौंपी गई है। जांच कर रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंपी जाएगी। – आशीष सिंह, कलेक्टर

नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी

    आयोजन की विधिवत अनुमति दी गई थी, इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति को शुल्क भी जमा कराया गया है। अगर शर्तों का उल्लंघन पाया जाता है, तो नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। – विनोद राठौर, एसडीएम और माफी आफिसर

अनुमति लेकर आयोजित किया था

    भगवान बांके बिहारी के सामने विवाह करने के लिए अनुमति लेकर आयोजन किया गया। मंदिर को फूलों से सजाकर रविवार के दिन विवाह करना तय किया गया ताकि किसी को परेशानी न हो। फिर भी किसी को परेशानी हुई है, तो इसके लिए माफी मांगते हैं। – राजकुमार अग्रवाल, विवाह आयोजक

 

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