राजनांदगांव : रामपुर धान खरीदी केंद्र में गलत धान सत्यापन से नाराज सोसाइटी कर्मचारी,
खाद अधिकारी की जांच टीम ने कड़ी की मुसीबत जिले में धान खरीदी बंद
धान खरीदी बंद, आंदोलन और इस्तीफा देने कर्मचारी लामबंद
राजनांदगांव जिले के धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी का कार्य तेज गति से चल रहा है वहीं प्रशासन भी धान खरीदी में कोई चूक न हो जाए उसके लिए परत दर परत की पड़ताल करने अधिकारियों के संयुक्त अमले को जिम्मेदारियां भी सौंपी गई है। जांच अमला भी अगर जांच करने से चुक जाए तो फिर आखिर इसका खामियाजा भुगतेगा कौन, डोंगरगांव विकासखंड अंतर्गत धान उपार्जन केंद्र सेवा सहकारी समिति मर्यादित रामपुर में भौतिक सत्यापन के दौरान 6768बोरा धान फर्जी खरीदी करना पाए जाने के चौंकाने वाले गंभीर आरोप सोसाइटी के जिम्मेदार पदाधिकारियों पर लगे हैं। इसके विरोध में 96 धान खरीदी केंद्रों के प्रबंधकों द्वारा विरोध में सामूहिक इस्तीफा दिए जाने को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है । धान खरीदी को लेकर अनेक प्रकार के आरोप प्रत्यारोप लगते हैं ऐसे कई समिति होंगे जिस पर आरोप भी लगे हैं। पर अगर जांच अमला भी जांच करने की सही दिशा को छोड़ कर अन्यत्र दिशा विहीन होगा उसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा। दिनांक 3 जनवरी को खाद्य विभाग के जांच टीम ने औचक निरीक्षण कर जो रिपोर्ट तैयार की उसमें हजारों की संख्या में धान की फर्जी खरीदी के मामले सामने लाने के पश्चात्य समूचा रामपुर सहकारी समिति के कर्ताधर्ताओं को सांप सूंघ गया कि आखिर इतना धान गया तो गया कहां। जांच कमेटी की टीम ने समिति प्रबंधक और वहां कार्यरत जिम्मेदारों की एक न सुनी और वह चलाता बने ,उन्होंने फर्जी खरीदी का आरोप लगाकर प्रकरण दर्ज करने के लिए अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। पर मामले को लेकर जब सहकारी बैंक के सीईओ को रामपुर सहकारी समिति समिति का मामला संज्ञान में आया तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई और उन्होंने दिनांक 7 जनवरी को सोसाइटी के प्राधिकृत अधिकारी और समिति के समझ जिम्मेदार लोगों के सामने गिनती की जिसमें किसी भी तरह के गमले की कोई गुंजाइश नहीं नजर आया बल्कि लगाया गया आरोप ने समूचे जिले में खलबली मचा दी।
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खाद्य विभाग का अमला हठधर्मिता में आमादा
सोसाइटियों के धान खरीदी केदो के औचक निरीक्षण के लिए बनाई गई टीम में जिम्मेदार अधिकारियों के रहते हुए भी अगर गलत तरीके से खरीदी केदो पर आक्षेप लगाए जाएंगे तो निश्चित रूप से प्रदेश में खरीदी में जुटे संस्थाओं के हाथ पैर सुन्न होने की स्थिति में होंगे। आखिर खरीदी केंद्र के स्थल से बड़ी मात्रा में हजारों बोरो धान गायब हो जाना और वापस आ जाना आश्चर्य जनक जान पड़ता है। क्या जांच को लेकर अन्य दूसरे अमले क्यों सक्रिय नहीं नजर आ रहे हैं। बहर हाल खाद्य विभाग का अमला हजारों बोरा फर्जी खरीदी को लेकर बात करता है तो उसके भुगतान को लेकर राशि कहा से आबंटित कराया गया होगा, और अगर समिति के जिम्मेदारों के द्वारा धान खरीदी में गड़बड़ी नहीं की गई तो फिर इतना बड़ा खाद्य का संयुक्त जांच दल आखिर क्यों आरोप लगा कर जल्द बाजी में एफआईआर कराने जुटा हुआ है। जब रामपुर समिति ने अपनी गिनती पूरी कर ली है और वहां पर कोई भी गड़बड़ी नहीं हाथ लगी तो फिर समितियो को क्यों परेशान किया जा रहा है।
बनभेड़ी खरीदी केन्द्र में जुटे हैं कर्मचारी
गलत तरीके से सत्यापन से नाराज समिति के कर्मचारी आंदोलन की राह पकड़ कर समुचे खरीदी को बंद कर खरीदी केंद्र में पुनः गणना को लेकर और ट्रांसपोर्टिंग करने के साथ में जो गलत तरह से भौतिक सत्यापन किया गया है उसकी विधवा जांच करने और एफआईआर वापस लेने आंदोलन शुरु कर चुके हैं।
कहीं ना कहीं इस बात को लेकर नाराजगी बढ़ती चले जा रही है कि गलत तरीके से सत्यापन किया गया जिसके वजह से बड़े पैमाने पर धान बोरो की कमी दिखाई गई।
सदमे में कोई अप्रिय घटना घटित हो जाए तो आखिर कौन होगा जिम्मेदार!
इस तरह के दुर्भावना पूर्ण जांच को लेकर जो मामला सामने आया है उसके विरोध में जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ रामपुर सोसाइटी में हुए दोषपूर्ण
धान सत्यापन के विरोध में धान खरीदी बंद करने और सामूहिक इस्तीफा देने को लेकर जिले के समस्त कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि दोस्त पूर्ण सत्यापन की कार्यवाही के सदमे से कोई अप्रिय घटना किसी कर्मचारी द्वारा कर लिया गया तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा?