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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : रानी सागर के दीवारों पर लगे लोहे चोरी और सर्किट हाउस के सामने लगी मूर्तियां भी हो चुकी जर्जर

राजनांदगांव । सौंदर्यीकरण के नाम पर जो व्यवस्था बनाई गई थी, वह कहीं चोरी हो रही तो कहीं जर्जर हो चुकी है। शहर के पुष्पवाटिका हिस्से की सुंदरता पर ग्रहण लग गया है। लेकिन शहर के प्रमुख हिस्से की बदहाली को दुरुस्त करने निगम प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। पुष्पवाटिका से लगे रानी सागर के दीवारों पर लगे लोहे चोरी हो रहे हैं। दीवार पर लगी रेलिंग को लगातार अज्ञात लोगों को उखाड़ा जा रहा है। लगभग पूरे हिस्से की रेलिंग उखड़ चुकी है। इससे दीवार का हिस्सा पूरी तरह जर्जर दिखने लगा है। सड़क जर्जर, झूले भी टूट चुके, हादसों का भी खतरा पुष्प वाटिका से त्रिवेणी परिसर को जाने वाली सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इस हिस्से से रोजाना बड़ी संख्या में लोग सैर के लिए आवाजाही करते हैं। शाम में बच्चों से लेकर महिलाएं तफरी के लिए इस हिस्से में निकलती हैं। जिन्हें इन्हीं जर्जर सड़कों से होकर गुजरना पड़ रहा है। वहीं पुष्पवाटिका में लगे झूले भी टूट चुके हैं। इसका रख-रखाव भी नहीं हो रहा है। जबकि बड़ी संख्या में बच्चे यहां मनोरंजन के लिए पहुंचते हैं। टूट चुके झूलों से हादसों का भी खतरा बना रहा है। लेकिन मरम्मत को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।

दीवार की रेलिंग चोरी होने से इस हिस्से में सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी तरह सर्किट हाउस के ठीक सामने सौंदर्यीकरण के नाम पर मूर्तियां लगाई गई हैं। लेकिन ये मूर्तियां भी टूट फूट चुकी है। जिससे सर्किट हाउस के बाहर हिस्से की सुंदरता अब जर्जरता में बदल गई है। पुष्पवाटिका में सैर से लेकर मनोरंजन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। जिन्हें अब टूटी-फूटी मूर्तियों और जर्जर हो रहे रानी सागर को देखना पड़ रहा है। निर्माण और सुविधा के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने वाला निगम शहर की प्रमुख धरोहर को संरक्षित करने कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। इसके चलते पूरे हिस्सा बदहाल हो गया है।

शाम ढलते ही पसर रहा अंधेरा, ज्यादातर लाइटें भी बंद सर्किट हाउस से दिग्विजय कॉलेज को जोन वाली सड़क पर बिजली की समस्या भी लंबे समय से बनी हुई है। रानी सागर के किनारे की इस सड़क में शाम होते ही अंधेरा पसर रहा है। जबकि देर शाम तक स्कूली बच्चों, महिलाओं और आम लोगों की आवाजाही इस रास्ते से होती है। पहले ही सड़क सकरी है, वहीं दूसरा हिस्सा खाई नुमा है। इसके बाद इस रास्ते में बंद लाइटें जोखिम बड़ा रही है। इस हिस्से में बिजली के पोल तो मौजूद हैं। लेकिन इन पर लगी लाइटें बंद पड़ी हुई है। लंबे समय से ऐसी समस्या बनी हुई है।

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