राजनांदगाव : शोक में भी डटा रहा कलाकार, बस्तर ओलंपिक में नागेश ने पिता के निधन के बाद भी दिया शानदार प्रदर्शन
राजनांदगाव /जगदलपुर । हाल ही में 13 से 15 दिसम्बर तक बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन जगदलपुर में हुआ. 15 दिसम्बर को बस्तर ओलिंपिक का फाइनल हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में देश के गृह मंत्री आदरणीय अमित शाह जी , अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के मुखिया विष्णु देव साय जी और विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ गृह मंत्री विजय शर्मा जी ने की. इस आयोजन में एक ऐसी घटना घटी जिसने सभी को भावुक कर दिया। दरअसल राजनांदगाव के कलाकारों ने इस आयोजन में नक्सल प्रभावित ग्रामीणों की स्थिति को एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सभी के सामने प्रस्तुत किया. जिसमें एक युवा कलाकार नागेश पठारी ने अपने पिता के निधन के दो घंटे बाद भी अपना अभिनय प्रस्तुत किया। यह घटना सभी के लिए प्रेरणादायक रही. नागेश के पिताजी जी.आर. पठारी का निधन हार्ट अटैक की वजह से 15 दिसम्बर की दोपहर एक-बजे राजनांदगाव में हुआ. जब उनके पिता की मृत्यु हुई उस समय नागेश बस्तर ओलिंपिक फाइनल जगदलपुर में मौज़ूद थे. उनके कार्यक्रम का मंचन अमित शाह जी के सामने दोपहर 3 बजे प्रस्तुत होना तय था. इस नाटक में नागेश मुख्य भूमिका निभा रहे थे. अपने पिता की मृत्यु की खबर सुनने के बाद भी नागेश ने अपने नाटक के प्रदर्शन को ही प्राथमिकता दी. अपने पिता के शोक भाव को मन के एक कोने में दबाकर उन्होंने गाना गाया, नृत्य किया और इंग्लिश की कहावत “The Show Must Go On“ को सही साबित कर दिया.
नागेश के इस संकल्प और समर्पण ने दर्शको के साथ ही मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों को भी प्रभावित किया। नागेश का मानना है कि उनके पिता भी शायद यही चाहते होंगे कि वह अपना प्रदर्शन पूरा करें। नागेश के इस भावनात्मक क्षण ने बस्तर ओलंपिक को और भी भावनात्मक बना दिया। पिछले दस वर्षो से अभिनय क्षेत्र में काम कर रहे नागेश की इस दृढ़ निश्चयता ने सभी कलाकार साथियों में एक नई ऊर्जा भर दी. यह घटना हमें बताती हैं कि एक कलाकार का जीवन भावनात्मक रूप से कितना चुनौती पूर्ण होता है और किसी भी कठिन परिस्थिति में भी किस तरीके से अपने प्रदर्शन को पूरा करने के लिए वह स्वसंकल्पित रहता हैं.
कार्यक्रम का विवरण
राजनांदगाव के कलाकारों ने बस्तर ओलिंपिक 2024 में नक्सलियों की वजह से बस्तर के ग्रामीणों को हो रही तकलीफों को जनता के सामने एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया. इस नाटक की प्रस्तुति बस्तर के सभी सात ज़िलों में की गई. इसमें कलाकार के रूप में शहर के यशवंत आनंद गुप्ता, शेख शाहरुख़, नागेश पठारी, रागिनी स्वर्णकार, देवेश वर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, मार्या सिंह, भुवनेश्वर साहू, एकता वर्मा, ऋषभ सिन्हा, रीना श्रीवास, संकल्प तिवारी, नवीन निर्मलकर, अनिकेत देवांगन, अमन , राजेश और सोमप्रकाश शामिल थे .