CG : बिक रहा मिलावटी दुग्ध उत्पाद, स्वास्थ्य विभाग सुस्त
रायपुर। रायपुर में नकली पनीर बनाने की फैक्ट्री में दबिश देकर भारी मात्रा में नकली सामग्री जिसका उपयोग पनीर बनाने के लिए किया जाता है जिसे जब्त किया है। कार्रवाई जब्त सामग्री को िवभागीाय उदासीनता के चलते आज लैब टेस्ट तक के लिए नहीं भेजा गया जो किसी सांठगांठ की ओ्ंर इशारा करता है। खाद्य मंत्री जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले मामले में संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दे। । एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी क्या कार्रवाई हुई ठंडे बस्ते में चला गया है। इस तरह की जिला प्रशासन की कार्रवाई में लेट लतीफी के कारण बाजार में नकली पनीर बनाने वालों के हौसले बुलंद है। छापामार कार्रवाई में जिला प्रशासन ने पनीर बनाने के लिए उपयोग में आने वाले दूध पाउडर के साथ पाम ऑयल मिलाकर पनीर जब्त किया था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को वहां से भारी मात्रा में नकली पनीर बरामद हुआ है। जानकारी के मुताबिक, भाठागांव में नेशनल हाईवे के पास बंसल डेयरी है। फूड डिपार्टमेंट को वहां नकली पनीर बनाने की सूचना मिली थी। इसके बाद टीम ने वहां छापा मारा। टीम ने नकली पनीर सीज कर उसके सैंपल जांच के लिए लैब भेजे हैं। नकली दूध, पनीर, नकली खोवा नकली सामानों का भरमार रायपुर शहर में भरा पड़ा है मगर नगर निगम के अधिकारी, खाद्य विभाग के अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी के लोग ऐसी छोटी-मोटी कार्रवाई कर खानापूर्ति कर रहे है। अफसरों के ने बताय़ा कि डेयरी में स्किम्ड मिल्क पाउडर के साथ पाम ऑयल और पानी को मिलाकर दूध की तरह लिक्विड बनाया जाता है । इसके बाद बॉयलर से हीट गर्म करके पनीर तैयार किया जा रहा था। नकली पनीर को बनाने के लिए खराब दूध, आटा, डिटर्जेंट पाउडर, पाम ऑयल, ग्लिसरॉल मोनोस्टियरेट पाउडर जैसी चीजों को मिलाया जाता है। इसके अलावा असली पनीर के जैसा शेप (आकार) देने के लिए नकली पनीर में सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी चीजें शरीर के लिए नुकसानदायक होती हैं।
नकली पनीर:कब्ज और फूड पॉइजनिंग का खतरा…! पूरे देश में अधिकांश शाकाहारी लोगों की पहली पसंद पनीर से बनी रेसिपी होती है। यही कारण है कि किसी भी शाकाहारी होटल या रेस्तरां के मेन्यू कार्ड की शुरूआत मटर पनीर, शाही पनीर, कढ़ाई पनीर जैसी डिश से होती है। पनीर भारतीय व्यंजनों में स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत का भी पर्याय है। पनीर प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है। जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। लेकिन देश में बड़े स्तर पर नकली पनीर की बिक्री हो रही है। जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे में पनीर को लेकर लोगों के मन में अक्सर ये दुविधा बनी रहती है कि वह जिस पनीर को खा रहे हैं, वह असली है या नकली। दोनों देखने में बिल्कुल एक जैसे होते हैं। ऐसे में महज देखने से अंतर कर पाना मुश्किल होता है।
नकली पनीर खाना कितना खतरनाक है ? नकली पनीर को बनाने के लिए खराब दूध, आटा, डिटर्जेंट पाउडर, पाम ऑयल, ग्लिसरॉल मोनोस्टियरेट पाउडर जैसी चीजों को मिलाया जाता है। इसके अलावा असली पनीर के जैसा शेप(आकार) देने के लिए नकली पनीर में सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी चीजें शरीर के लिए नुकसानदायक होती हैं। नकली पनीर का बाजार धड़ल्ले से फल-फूल रहा आम लोगों के पास असली पनीर या नकली पनीर को पहचानने के लिए कोई लैब या मशीनरी नहीं होती है। यही कारण है कि राजधानी सहित पूरे प्रदेश में नकली पनीर का बाजार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। लेकिन आप घर पर भी असली पनीर की पहचान कर सकते हैं। इसका सबसे आसान तरीका है कि इसे हाथों से मसलकर देखें। ऐसा करने पर नकली और मिलावटी पनीर का चूरा बन जाएगा क्योंकि यह पाउडर मिल्क से बनाया जाता है। जबकि असली पनीर ज्यादा सॉफ्ट होता है।
असली और नकली पनीर की कीमतों में भी अंतर होता है। दूध से बने शुद्ध पनीर का मार्केट रेट 400 से 450 रुपए प्रति किलो के करीब होता है क्योंकि एक किलो असली पनीर को बनाने के लिए करीब 5 किलो दूध की जरूरत पड़ती है। जबकि मिलावटी या आर्टिफिशियल पनीर का मार्केट रेट 150 से 250 प्रति किलो के बीच होता है। इसे फुटकर विक्रेता या दुकानदार असली पनीर की कीमत में बेच देते हैं। मुनाफे के लालच में ये दुकानदार लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं।
शादी, विवाह का सीजन आते ही मिलावटखोर सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं क्योंकि ऐसे समय में दूध, मावा और पनीर की खपत बढ़ जाती है। जबकि दूध का उत्पादन तो उसी मात्रा में हो रहा है। ऐसे में मिलावटखोर नकली पनीर बनाना शुरू कर देते हैं। यही वजह है कि शादियों का सीजन आते ही नकली पनीर की सप्लाई बढ़ जाती है। नकली पनीर की सबसे बड़ी पहचान ये हैं कि इसे तलने के बाद कोई स्वाद नहीं आता है। आप भी शादी-बारात में पनीर खाकर कई बार इसके स्वाद से निराश हुए होंगे। दरअसल यह खराब स्वाद नकली पनीर की वजह से ही था।