राजनांदगांव : बिजली बिल न भरने वाले 70 उपभोक्ताओं की कटी लाइन
राजनांदगांव । बिजली बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं से बकाया राजस्व वसूली के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने व्यापक स्तर पर अभियान चलाया है। इसमें अर्जुनी, सिंघोला, सुरगी, जंगलपुर सहित राजनांदगांव ग्रामीण क्षेत्र में डिस्कनेक्शन के लिए गठित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीमों ने 175 बकायादार उपभोक्ताओं से 15 लाख 77 हजार रूपए की राशि की वसूली की, तथा समझाइश के बाद भी बिजली बिल का भुगतान नही करने वाले 70 बकायादारों के विद्युत कनेक्शन काट दिया।
विदित हो कि बिजली कंपनी द्वारा बिजली बिल देयकों के भुगतान में विलंब होने पर उपभोक्ताओं का लगातार ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है, जिससे वे बिजली बिल समय पर जमा कर देंवें। मैदानी अधिकारी एवं उनकी टीम बकायेदार उपभोक्ताओं के पास स्वयं पहुंचकर बिजली बिल पटाने के लिए अनुरोध भी कर रहे हैं।
राजनांदगांव संभाग के कार्यपालन अभियंता आर.के. गोस्वामी ने बताया कि घरेलू एवं गैर घरेलू कनेक्शनों के बकायेदारों के साथ ही औद्योगिक श्रेणी के बकायेदार उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन विच्छेदन एवं बकाया राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही है। इस अभियान के तहत राजनांदगांव राजनांदगांव ग्रामीण क्षेत्र के 70 उपभोक्ताओं के कनेक्शन जिन पर 11 लाख रूपए की राशि बकाया था, ऐसे बकायेदार उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन बकाया भुगतान नहीं किये जाने पर काट दिए गये हैं। इस अभियान साथ ही उपभोक्ताओं को लाइन विच्छेदन से बचने के लिए समय पर विद्युत बिल राशि का भुगतान मोर बिजली ऐप के माध्यम से करने के लिए प्रेरित किया गया और उन्हें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदत्त 400 यूनिट तक हॉफ बिजली बिल योजना के संबंध में भी जानकारी दी गयी।
बिजली बिल की राशि अधिक होने की शिकायत लेकर अर्जुनी वितरण केंद्र पहुंचे उपभोक्ताओं को मैदानी अधिकारियों द्वारा केंद्र शासन द्वारा संचालित पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 300 यूनिट तक फ्री बिजली एवं शासन द्वारा प्रदत्त सब्सिडी बारें में जानकारी भी दी गयी। उन्होने बकायादार उपभोक्ताओं से अपील करते हुए कहा है कि विद्युत देयकों का भुगतान नियमित रूप से करें ताकि विच्छेदन की कार्यवाही से होने वाली असुविधा से बचा जा सके। बिजली बिल का नियमित भुगतान नहीं करने पर उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ भी नही मिल पायेगा। क्योंकि बिजली का नियमित भुगतान नहीं होने से वे स्वतः अपात्र हो जायेंगें।