टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स यानी टीआरपी घोटाले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ सबूत पाए गए हैं। इस बात की जानकारी मुंबई पुलिस ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में दी है। मुंबई पुलिस ने आगे कहा कि वो किसी भी तरह के कार्रवाई के लिए गोस्वामी को बचाने की इच्छा नहीं रखती है। हालांकि, हाईकोर्ट ने कोई भी सुनवाई किए बिना मामले को स्थगित कर दिया। जिसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 15 जनवरी तय की गई है। चैनल पर पैसे देकर टीआरपी को बढ़ाने का आरोप है। इस मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी है।
इससे पहले आज हीं मुंबई की एक अदालत ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी), बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की जमानत याचिका भी खारिज कर दी और कहा कि उन्होंने घोटाले में “महत्वपूर्ण भूमिका” निभाई है।
इससे पहले बीते साल 29 दिसंबर को कथित टीआरपी घोटाले मामले में मुंबई पुलिस ने कोर्ट में रिमांड रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को दो चैनलों की टीआऱपी बढ़ाने के लिए ‘लाखों रुपये’ दिए।
मुंबई पुलिस ने एक स्थानीय अदालत से कहा था कि ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता ने बार्क के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी और रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के साथ मिलीभगत कर रिपब्लिक टीवी और इसके हिंदी चैनल के लिए टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में धोखाधड़ी की।
मुंबई के पुलिस के मुताबिक तीन चैनल इस हेराफेरी में शामिल हैं। जिसमे रिपब्लिक टीवी, फ़क्त मराठी, बॉक्स सिनेमा है। इन चैनलों को देखने के लिए और टीआरपी बढ़ाने के लिए दर्शकों को 400-500 रुपये का भुगतान किया। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) जो टीआरपी को मापता है ने डेटा मापने के लिए मुंबई में 2,000 से अधिक बैरोमीटर लगाए हैं। जिन स्थानों पर ये उपकरण स्थापित हैं वे गोपनीय हैं।