advertisement
मध्य प्रदेश

20 हजार से अधिक गैस पीड़ितों के बनाये गये आयुष्मान कार्ड

भोपाल
राज्य सरकार द्वारा भोपाल गैस पीड़ितों और उनके बच्चों को आयुष्मान ‘निरामयम’ मध्यप्रदेश योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसमें गैस पीड़ितों एवं उनके बच्चों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं। 28 नवम्बर तक 20 हजार 27 गैस पीड़ितों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं।

गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के अधीन संचालित 6 अस्पतालों एवं 9 औषधालयों में सभी प्रकार के उपचार एवं आवश्यकतानुसार सुविधाएँ निःशुल्क दी जा रही हैं। साथ ही आयुष्मान भारत ‘निरामयम’ मध्यप्रदेश योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी अनुबंधित अस्पतालों में भी गैस पीड़ितों को उपचार सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

विशेष प्रकरणों में इस योजना में निर्धारित पैकेज के अतिरिक्त इलाज पर खर्च होने पर संबंधित अस्पताल को उसकी प्रतिपूर्ति गैस राहत विभाग द्वारा की जाती है। गैस पीड़ित मरीज एवं उनके बच्चों को किडनी, लीवर ट्रॉन्सप्लांट एवं अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये विशेष प्रकरण मानते हुए मरीजों को आवश्यकतानुसार इलाज की सुविधा भी दी जा रही है।

भोपाल गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों को कैंसर के उपचार के लिये गैस राहत विभाग द्वारा 3 निजी अस्पतालों एवं एम्स भोपाल के साथ अनुबंध भी किया गया है। यहां पीड़ितों को कैंसर के उपचार की नि:शुल्क सुविधा दी जा रही है।

गैस राहत विभाग के अधीन संचालित सभी अस्पतालों में गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों के उपचार के लिये अत्याधुनिक इमरजेंसी यूनिट सातों दिन 24 घंटे संचालित की जा रही हैं। गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों के किडनी रोग (सी.के.डी.- IV) व अतिगंभीर मरीजों के उपचार के लिये कमला नेहरू अस्पताल, भोपाल में डायलिसिस यूनिट की स्थापना भी की गई है। इसमें 13 डायलिसिस मशीनें लगाकर मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।

राज्य शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त गैस पीड़ित विधवाओं (कल्याणी) को पेंशन राशि के अलावा भोपाल गैस राहत विभाग द्वारा एक हजार रूपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन भी दी जा रही है। वर्तमान में करीब 4 हजार 406 गैस पीड़ित विधवाओं (कल्याणियों) को यह पेंशन दी जा रही है।

 

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button