राजनांदगांव : निजी भूमि में पार्षद निधि से रोड निर्माण ,किसे होगा लाखो का फायदा?अवैध कॉलोनी को वैध करने निगम ने तोड़ दिए सारे नियम कायदा ?
राजनांदगांव // निगम क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फंडा में निगम अधिकारियों ने कई तरह के जादुई दस्तावेजी डंडा चला रखे है । हाल ही में प्रकाश में आया है राजनांदगांव निगम क्षेत्र के माहामाया चौक से डोंगरगांव रोड में स्तिथ रिध्धि सिध्धि कालोनी से लगा हुवा गुप्ता परिवार के निजी भूमि में 10 लाख रूपये की राशी स्वीकृत कर पार्षद निधि से लाखो खर्च कर सी सी रोड का निर्माण को अंजाम दिया गया है l उक्त सड़क निर्माण में की गयी खर्च रेरा नियमो को अनदेखी कर की गयी है l सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक खसरा न.505/1 जो कि गुप्ता परिवार रायपुर के नाम पर दर्ज है जो कि आज भी कृषि भूमि के नाम से दर्ज है जंहा पास के कालोनी वासियों को फायदा पहुचाने उक्त कार्य को अंजाम दिया गया है । जानकारों का सवाल है कि नियमों से खिलवाड़ कर अवैध कॉलोनी काटने वालों पर कभी कोई कार्रवाई होगी या नहीं? इसके अलावा भविष्य में नई अवैध कॉलोनी न बने इसके लिए कोई पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं।
वार्ड के गड्ढे दार सडक रहवासियों को कोई राहत नहीं
जानकारों का मानना है कि इन कॉलोनियों में रहने वाले हजारो लोगों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आएगा, क्योंकि विकास के नाम पर अधिकारी से लेकर वार्ड पार्षद भी बेमानी करने से नहीं चुक रहे है एक तरफ इस वार्ड में कई ऐसे सडक मौजूद है जो कई गडढो से भरा हुआ है बावजूद पार्षद कभी नींद से नहीं जागे लेकिन इसी वार्ड में जिस जगह पर कोई रहवासी नहीं हो बावजूद निजी भूमि में सडक निर्माण किये जाने से अधिकारियों के नियत पर सवालों की झड़ी लगते नजर आ रही है l
जिम्मेदारी तय हो, अफसरों पर कार्रवाई हो
अवैध कालोनियां हों या अन्य अवैध निर्माण इन पर सख्ती से रोक लगना चाहिए। इस मामले में जिम्मेदारी तय करके संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होना चाहिए। अवैध कालोनियों को वैध करना गैरकानूनी काम को बढ़ावा देने के समान है।
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को शिकायत की तैयारी
उक्त सड़क निर्माण के लिए जिस तरह अधिकारियों ने अनदेखी कर निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया है जिससे भ्रष्टाचार की बदबू साफ़ नजरो से भी दिखाई दे रहा है l उक्त निर्माण के पास ही मौजूद कालोनी निर्माण के दौरान से ही विवादों से घिरा हुआ है जो कि माननीय न्यायालय में विचाराधीन है इसी के आड़ में अधिकारी व् पार्षद मिलीभगत कर लाखो कमाने के जुगत में निजी भूमि पर सारे नियम कायदे को तोड़ते हुवे निगम को नुक्सान पहुंचाकर अवैध ढंग से लाभ कमाने उक्त सडक को बनाया गया है इन संभावनाओं को इनकार नहीं किया जा सकता l उक्त मामले में सामाजिक संस्थाओं ने जल्द ही आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को शिकायत कर जांच व् कार्यवाही की मांग किये जाने की बात कही है
अवैध कॉलोनी के सम्बन्ध में निगम अधिकारियों ने साधी चुप्पी
उक्त निर्माण सड़क के सम्बन्ध में आयुक्त कुछ भी बताने को तैयार नहीं है आखिर क्यों ? चलती फिरती जवाब देते हुवे बताते है कि उक्त निर्माण के लिए भूमि स्वामी द्वारा उक्त भूमि को दान कर दिया है इसीलिये उक्त जगह पर सडक निर्माण को की गयी है l जबकि राजस्व रिकार्ड में आज भी उक्त भूमि निजी नामो पर कृषि भूमि दर्ज है और ना ही निर्माणधीन एजेंसी के पास कोई भी कालोनी निर्माण संबंधी दस्तावेज है