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गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे मोतीलाल वोरा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। खबरों के मुताबिक वोरा को रविवार रात को दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया था। वोरा ने रविवार (20 दिसंबर) को ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था।मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया। वे 13 मार्च 1985 से 13 फरवरी 1988 तक और 25 जनवरी 1989 से 9 दिसंबर 1989 तक दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2000 से 2018 तक (18 साल) कांग्रेस के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली। 

मोतीलाल वोरा के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और शानदार इंसान थे। हम उन्हें काफी मिस करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरा प्यार और संवेदनाएं।”

गांधी परिवार से थीं खास नजदीकियां
मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के बहुत करीबी थे। साल 2018 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बढ़ती उम्र के चलते कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी वोरा से लेकर अहमद पटेल को दे दी थी। अहमद पटेल और वोरा भी काफी करीबी माने जाते थे। बीते दिनों पटेल का भी निधन हो गया था। ऐसे में यह कांग्रेस के लिए काफी दुखद दिन है।
करीब 50 साल तक कांग्रेस के साथ जुड़े रहे वोरा का राजनीतिक करियर 1960 के दशक में समाजवादी विचारधारा वाली एक पार्टी के साथ शुरू हुआ था। कांग्रेस के साथ वह 1970 में जुड़े थे। उन्होंने पार्टी और सरकार में कई अहम पद संभाले, राज्यसभा भी गए। कुछ विवादों में भी उनका नाम आया लेकिन गांधी परिवार से उनकी नजदीकी हमेशा बरकरार रही।

साल 2004 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस जब प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा ढूंढ रही थी, तब वोरा ने ही खुलकर राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाने की वकालत की थी। वोरा उन चंद नेताओं में थे जिनका मानना था कि राहुल गांधी को पूरी तरह से पार्टी की बागडोर दे दी जानी चाहिए। हालांकि, बाद में मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था।

दो बार बने थे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री
वोरा ने 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और उन्हें मध्यप्रदेश के सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 1977 और 1980 में मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए फिर से चुना गया और 1980 में अर्जुन सिंह कैबिनेट में उच्च शिक्षा विभाग के अध्यक्ष रहे। 

मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया। वे 13 मार्च 1985 से 13 फरवरी 1988 तक और 25 जनवरी 1989 से 9 दिसंबर 1989 तक दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2000 से 2018 तक (18 साल) कांग्रेस के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली। 

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