राजनांदगांव : कलेक्टर की उपस्थिति में जनजातीय गौरव दिवस 2024 के अवसर पर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में संगोष्ठी का हुआ आयोजन
- आदिवासियों के विकास के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओं की दी गई जानकारी
- संगोष्ठी में गोंडी भाषा का संरक्षण, आदिवासी संग्रहालय निर्माण, वाचिक परंपरा के तहत साहित्य के प्रकाशन पर की गई चर्चा
राजनांदगांव । कलेक्टर संजय अग्रवाल की उपस्थिति में धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत जनजातीय गौरव दिवस 2024 के अवसर पर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के प्रमुख एवं पदाधिकारी शामिल हुए। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि आदिवासी समुदाय के हितग्राहियों तक शत प्रतिशत शासकीय योजनाएं पहुंच सके इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में सभी समुदाय की समस्याओं के समाधान के लिए समस्या समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने एवं लाभान्वित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने बताया कि जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन 15 नवंबर 2024 को पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम गौरव पथ राजनांदगांव में किया जाएगा। उन्होंने सभी आदिवासी समाज प्रमुखों एवं पदाधिकारियों को जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने कहा।
संगोष्ठी में बताया गया कि जनजाति समाज की पुरातात्विक ऐतिहासिक धरोहर भाषा, संस्कृति, धर्म और इतिहास रहा है। गोंडवाना संस्कृति एवं इसकी धरोहर साहित्य के माध्यम से वर्ष 1980 के बाद परिलक्षित होती है। गौरव दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज के प्रमुखों ने विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित विचारों को संगोष्ठी में व्यक्त किया। संगोष्ठी में गोंडी भाषा के संरक्षण तथा वन, जंगल, जल व जमीन की सुरक्षा की आवश्यकता को व्यक्त किया। संगोष्ठी में बताया गया कि विश्व आदिवासी दिवस के आयोजन में 9 अगस्त को बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी होती है, ऐसे ही बड़ी भागीदारी के बीच शासन की योजनाओं को लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है। दूरस्थ अंचल के लोगों तक शासन क योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कार्य करने पर चर्चा की गई। आदिवासी समुदाय से परामर्श समिति के विचार लेने, जिला स्तर पर आदिवासी संग्रहालय के निर्माण, वाचिक परंपरा के तहत लिए गए साहित्य का प्रकाशन के संबंध में चर्चा की गई। आदिवासी समाज के प्रमुख एवं पदाधिकारियों ने जनजातीय समाज की विभिन्न आवश्यकताओं तथा अपेक्षाओं को संगोष्ठी के माध्यम से जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया। अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय ने जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी समुदाय के लिए किए जा रहे कार्यों से अवगत कराया गया। सहायक आयुक्त दीक्षा गुप्ता द्वारा जनजातियों के लिए आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी।