अगर आप भी खेलते हैं वीडियो गेम तो सायबर अपराधी की नजर आप पर भी हो सकती है
मोबाइल या कंप्यूटर में वीडियो गेम खेलना आजकल बहुत सामान्य हो गया है। लेकिन इस सामान्यता के साथ-साथ सायबर सुरक्षा का जोखिम भी बढ़ गया है। गेमिंग के लिए कई ऐप्स उपलब्ध हैं, जिनमें यह पहचान पाना मुश्किल होता है कि कौन-सा सुरक्षित है और कौन-सा नहीं। इसके अलावा, सायबर अपराधियों की नज़रें यहां भी होती हैं, इसलिए सतर्क रहना बहुत ज़रूरी है।
अकाउंट की चोरी
वीडियो गेम अकाउंट में व्यक्तिगत जानकारी होती है। कुछ लोग गेम ख़रीदने या विशेष फीचर्स के लिए भुगतान करते हैं, जिससे उनके अकाउंट में बैंक संबंधी जानकारी भी मौजूद होती है।
डॉक्सिंग
गेम अकाउंट में आपकी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे घर या कार्यालय का पता आदि सार्वजनिक रूप से साझा किया जा सकता है, जिससे आपकी सुरक्षा ख़तरे में पड़ सकती है।
साइबरबुलिंग
हमेशा सायबर अपराधियों से ख़तरा नहीं होता, गेमिंग समुदायों में ऐसे लोग भी होते हैं जो स्टॉकिंग और लगातार उत्पीड़न करते हैं। कई बार ये ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े अपराध वास्तविक जीवन में भी घटित हो सकते हैं।
असुरक्षित लिंक्स
सायबर अपराधी चैट के दौरान ऐसे लिंक भेज सकते हैं, जिन पर क्लिक करने से आपके डिवाइस में वायरस या हैकिंग का ख़तरा होता है। इसके अलावा, ऐप में ऐसे विज्ञापन भी हो सकते हैं, जिन पर क्लिक करना असुरक्षित हो सकता है।
सावधानी बरतें.
- पासफ्रेज़ का उपयोग करें… सामान्य पासवर्ड के बजाय अप्रत्याशित शब्दों के संयोजन से बने पासफ्रेज़ का उपयोग करें। इससे आपकी सुरक्षा बढ़ेगी। उदाहरण के लिए, ‘SunnySky!DancingElephant’ से SS! DE पासवर्ड बन सकता है। साथ में नंबर का इस्तेमाल भी करें।
- टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन… अपने गेमिंग खातों पर टू स्टेप ऑथेंटिकेशन सक्षम करें। इससे आपका अकाउंट और जानकारी दोनों सुरक्षित रहेंगे। यदि कोई सायबर अपराधी आपके पासवर्ड को चोरी कर भी लेता है, तब भी वह आपके खाते में प्रवेश नहीं कर सकता जब तक कि वह आपके मोबाइल या ईमेल से भेजा गया टू स्टेप ऑथेंटिकेशन कोड ना जानता हो।
- वीपीएन का उपयोग करें… ऑनलाइन गेमिंग के समय वीपीएन का उपयोग महत्वपूर्ण है। यह आपके आईपी पते को छिपाता है और आपकी इंटरनेट गतिविधियों को सुरक्षित करता है।
- गेमिंग सॉफ्टवेयर अपडेट रखें… नियमित रूप से अपने उपकरणों और गेम को अपडेट करते रहें। अपडेट अक्सर ज्ञात कमज़ोरियों को ठीक करते हैं और सुरक्षा प्रदान करते हैं। और अपने फोन या सिस्टम की कुकीज़ को इनेबल रखने तथा उपयोग के बाद आप सेटिंग में जा कर उसे डिलीट कर दें।
- गुमनाम यूज़रनेम चुनें… ऑनलाइन गेमिंग करते समय अपने असली नाम का उपयोग न करें। व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से आप सायबर अपराधियों के लिए आसान लक्ष्य बन सकते हैं।
- चुनाव सावधानी से करें… गेमिंग के लिए कोई भी ऐप या सॉफ्टवेयर का चुनाव ध्यान से करें। प्ले स्टोर पर कई असुरक्षित ऐप्स हैं, इसलिए प्रमाणित और प्रसिद्ध ऐप्स चुनें और साथ ही उसकी परमिशन को देखना न भूलें। यदि लगता है कि आप को कोई परमिशन नहीं देनी है तो उसे सेटिंग्स में जाकर ऑफ कर दें। इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं द्वारा साझा की समीक्षाएं भी देख लें।
- मल्टीप्लेयर गेम्स में सावधानी बरतें… कई गेम्स मल्टीप्लेयर होते हैं जिनमें विभिन्न देशों के लोग शामिल होते हैं। उनसे बातचीत ना करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी भी साझा ना करें। एक तरह से आपको चैटबॉक्स को नज़रअंदाज़ करना चाहिए। इसके अलावा, ऐप पर आने वाले विज्ञापनों पर भी क्लिक ना करें।