CG : खेतों में घुस रहा फैक्ट्री का गंदा पानी, धरसींवा के किसान परेशान
धरसींवा । राजधानी से लगे धरसींवा के खेतों में फार्च्यून उद्योग कपसदा से निकलने वाला गंदा पानी घुस रहा है। जिसकी वजह से पिछले तीन सालों में खेती को काफी नुकसान पहुंच रहा है। वहीं कारखाना की कानफोड़ू आवाज से लोग परेशान हैं और समय रहते तक फैक्ट्री की मनमानी नही रोका गया तो गांव के किसानों सहित ग्रामीण जन जीवन मे गहरी समस्या आ सकती है। वहीं इन मुद्दों को लेकर ग्रामीण और सरपंच जन आंदोलन करने की बात कही है और पूरी घटना की जानकारी जिला कलेक्टर को दी गई है।
धरसींवा ब्लाक मुख्यालय से पांच किलोमीटर पर बसे शांत प्रिय गांव कपसदा है। जहां शासन की ओर से स्कूल सहित सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद है और ग्रामीण बड़े ही सौहार्द के साथ जीवन यापन करते हैं। गांव में ज्यादातर किसान ही हैं और खेतीबाड़ी से ही जीवन यापन करते हैं। लेकिन, बीते कुछ वर्षों से ग्राम के शरहद में लगे फार्च्यून लोहा उद्योग की आवाज से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। दूसरी ओर कंपनी के भीतर से निकलने वाली गंदे पानी किसानों की फसल बर्बाद हो रही है।
कंपनी के पास की फसलें हो रही हैं बर्बाद
इसको लेकर कपसदा गांव के सरपंच फूलचंद साहू ने बताया कि, फार्च्यून फॉक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी की वजह से 3 एकड़ जमीन बंजर हो गई है और खेती का एक बड़ा भू- भाग बर्बाद हो गया है। उद्योग से निकलने वाले पानी खेती वाले इलाके में लगातार फैल रहा है। किसानों के धान की फसल पूरी तरह डूबकर बर्बाद हो गए हैं. धान की जगह खेतों में सिर्फ घासफूस ही दिखाई दे रहा है। वहीं इस सबन्ध में जब फैक्ट्री प्रबंधन से जब मुआवजे की बात की गई तो देखेंगे का जवाब आता है। उन्होंने आगे कहा कि, अब बर्दास्त नही करेंगे और मुख्यमंत्री से ही लगाएंगे।
ग्रामीण बोले- दहशत में जी रहे हैं जीवन
एक ग्रामीण ने हमारे संवादाता को बताया कि, गांव के बेडरूम और आंगन की शरहद तक फैली उद्योग में जब कोई आवाज आती है तो ग्रामीण इस दहशत में रहते है कि, कम्पनी में कोई ब्लास्ट तो नही हो गया। हमें डर लगता है कि, कंपनी से निकलने वाला लावा घर मे तो नही घुस आएगा, ऐसे दहशत में हमारी रात बीत रही है। वहीं पढ़ने वाले छात्र व छात्राओ से बात करने पर कहा कि, ग्राम कपसदा और क्षेत्र में कारखाना खोलने से रहवासी परेशान हैं। कारखाने से निकलने वाली धूल और आवाज की वजह से रहवासियों को तकलीफ हो रही हैं। यहां तक की छात्रों की पढ़ाई भी पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है।