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कोरबा जिलाछत्तीसगढ़

CG : कोतवाली में भिड़े दो एएसआइ ने एक- दूसरे पर जमकर बरसाए बेल्ट-मुक्के

कोरबा। आम लोगों की सुरक्षा की जवाबदारी पुलिसकर्मियों की होती है। आपस में विवाद हो जाए तो पुलिस को सूचना दी जाती है। लेकिन कोरबा में पुलिस के दो सहायक उपनिरीक्षक (एएसआइ) आपस में भिड़ गए और बेल्ट से एक दूसरे की जम कर पिटाई कर दिए। इस घटना में एक अधिकारी के हाथ में गंभीर चोटें आई है। वहीं दूसरे के दांत में चोट लगी है। पुलिस अधीक्षक ने दोनों को लाइन अटैच कर दिया है।

यह घटना कोतवाली में बुधवार को शाम सात बजे हुई। बताया जा रहा है कि यहां पदस्थ एएसआइ अजय सिंह ठाकुर व एएसआइ अश्वनी वर्मा के बीच वर्चस्व को लेकर लंबे समय से मनमुटाव चल रहा था। गांजा जब्ती के एक पुराने प्रकरण में अजय ने सीतामणी निवासी एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए थाना में बुलाया था। उसे देखते ही अश्वनी भड़क उठा और थाना में ही उसे कहने लगा कि मैने मना किया था, इसके बाद भी तूम यहां आ गए। इस पर अजय ने आपत्ति की और दोनों के बीच कहा सुनी शुरू हो गई।

 बात इतनी बढ़ गई कि एक- दूसरे को बेल्ट से पीटने लगे। इस बीच वहां मौजूद आरक्षक नितेश मिश्रा भी अश्वनी का पक्ष लेते हुए विवाद में कूद पड़ा। थाना में मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों की समझाइश के बाद भी तीनों आपस में काफी देर तक मारपीट करते रहे।

जानकारी मिलने पर कोरबा सीएसपी भूषण एक्का मौके पर पहुंचे और तीनों पुलिस कर्मियों को जमकर फटकार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी को इस घटना से अवगत कराया। एसपी से निर्देशन पर थाना में हंगामा करने वाले तीनों पुलिस कर्मियों का जिला अस्पताल में रात को ही मुलाहजा कराया गया।

साथ ही तत्काल प्रभाव से दोनों एएसआइ को पुलिस लाइन हाजिर कर दिया गया है। नितेश पहले से ही पुलिस लाइन में पदस्थ रहते हुए कोर्ट मुहर्रिर की ड्यूटी कर रहा। इस घटना की प्राथमिक जांच के लिए रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैंकरा को सौंपा गया है। तीन दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। माना जा रहा है कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआइआर की कार्रवाई भी की जा सकती है। अनुशासन के लिए पुलिस विभाग को आदर्श माना जाता है, ऐसे में इस घटना से पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है।

लगातार बिगड़ती जा रही कोतवाली की व्यवस्था

इस बात से व्यापारी नाराज थे। चक्काजाम करने के बाद पुलिस ने बदमाश को गिरफ्तार किया। जिम्मेदार अफसरों की लुंजपूंज रवैय्या की वजह से अब कोतवाली की व्यवस्था ही पूरी तरह चरमरा गई है।

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