CG : मसूर की फसल को बढ़ावा, मुफ्त में दिया जाएगा बीज
कोरबा कृषि विभाग दलहन की फसल को बढ़ाने के लिए मसूर का चयन किया है। 375 किसानों को मुफ्त में बीज वितरण किया जा रहा है। 1 एकड़ के हिसाब से 8 किलो बीज दिया जा रहा है। यह सफल हुआ तो रकबा बढ़ाया जाएगा। इस बार रबी फसल का रकबा 40 हजार 577 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। दलहन की फसल में किसान चना , मटर, मसूर, मुंग, तिवरा, उड़द और मसूर की फसल लेते हैं। इसमें मसूर पर ही इस बार फोकस किया जा रहा है।
इसका रकबा 845 हेक्टेयर निर्धारित है। अभी किसान छोटे-छोटे रकबे में ही फसल लेते हैं। इसी वजह से 375 ऐसे किसानों का चयन किया जा रहा है जो एक एकड़ में फसल लगा सकें। उनके पास सिंचाई साधन और फसल की सुरक्षा को भी ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए पोड़ी उपरोड़ा और पाली ब्लॉक का चयन किया गया है।
बाकी ब्लॉक में भी किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। इसके साथ ही तिलहन की फसल में सरसों, मूंगफली अलसी और कुसुम के साथ सूर्यमुखी की फसल ले रहे हैं। सब्जी की फसल का रकबा भी 19124 हेक्टेयर से अधिक है। सब्जी उत्पादन में करतला, कटघोरा और पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक सबसे आगे है। नदी और नाला किनारे भी अधिक फसल होती है। इसके साथ ही गेहूं , मक्का, धान और रागी की फसल का रकबा भी तय किया गया है ।
लेकिन धान की फसल के लिए सिंचाई का साधन बहुत कम है । इसी वजह से इस बार 186 हेक्टेयर रकबा तय किया गया है । गेहूं का सबसे अधिक 2530 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। एकड़ में लागत 15 हजार कमाई 45 हजार रुपए मसूर की फसल तीन से चार महीने के भीतर तैयार हो जाता है। एक एकड़ में 8 किलो बीज की जरूरत होती है । फसल तैयार करने में करीब 15 हजार रुपए लागत आती है। प्रति एकड़ 6 क्विंटल मसूर का उत्पादन होता है।
जिसका बाजार मूल्य 48 हजार रुपए है। इस तरह किसानों को 33 हजार तक का फायदा होता है। मसूर की खेती का प्रदर्शन किया जा रहा : उपसंचालक कृषि विभाग के उपसंचालक डीपीएस कंवर का कहना है कि इस बार मसूर की खेती की प्रदर्शनी की जा रही है। किसानों का चयन करने के साथ भी बीज भी मुफ्त में दे रहे हैं। इससे किसानों को भी फायदा होगा। बाकी फसल के लिए भी बीज और खाद की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।