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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : सहकारी समिति कर्मचारी अपनी मांगों पर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे, अटकी धान खरीदी की तैयारी

राजनांदगांव I सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से बेमियादी हड़ताल का आगाज किया है। रायपुर में आचार संहिता लागू होने के कारण जिले के समिति कर्मचारियों ने दुर्ग जिले में संभाग स्तर पर हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेश में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जाएगी। लेकिन समिति कर्मियों की हड़ताल की वजह से इसकी प्रशासनिक तैयारी अटक गई। सोमवार को धान खरीदी को लेकर होने वाली अफसरों की बैठक भी टालनी पड़ी है।

सहकारी समिति कर्मचारी अपनी मांगों पर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। जिले में 21 और 22 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा गया था। लेकिन शासन-प्रशासन से उनकी मांगों पर आश्वासन नहीं मिलने से उन्होंने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी। तीन सूत्रीय मांगों में मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर प्रदेश की 2058 समितियों के कर्मचारियों को वेतनमान, हर साल हर समिति को 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि देने, पुनरीक्षित वेतनमान लागू करने, विगत खरीदी में सूखत मान्य कर आगामी सालों में सूखत प्रावधान करने, खरीदी अनुबंधन में बदलाव, प्रासंगिक, सुरक्षा व्यय कमीशन बढ़ाने की मांग शामिल है।

समिति कर्मियों पर भरोसा नहीं तो सरकार खुद करें धान की खरीदी संघ के प्रदेश महासचिव ईश्वर श्रीवास एवं जिला अध्यक्ष किशन देवांगन ने कहा हमारी 3 सूत्रीय प्रमुख मांगों पर आंदोलन जारी है। अब तक सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिला। सरकार को हम पर भरोसा नहीं है तो इस बार वह अपने कर्मचारी नियुक्त कर धान खरीदी करें। धान में सूखत आता है या नहीं यह भी देखें। समिति कर्मचारी बकायदा धान खरीदी कार्य में अपना पूरा सहयोग देंगे। सूखत वसूली के दबाव में हमारे कई साथियों को जान गंवानी पड़ी। मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। हम धान खरीदी नहीं करेंगे।

हड़ताल से जिले की 96 समितियों में काम प्रभावित, सफाई तक नहीं धान खरीदी 14 नवंबर से होनी है और अब महज 10 दिन शेष है। इधर हड़ताल से जिले के 96 केन्द्रों में धान खरीदी की तैयारी पर ब्रेक लग गया है। खरीदी केन्द्रों में पुराना खराब धान, प्लास्टिक और जुट के बारदाने पड़े है। सफाई नहीं की जा सकी, स्टेक बनाने, फेंसिंग करने, ड्रेनेज सिस्टम बनाने का काम प्रभावित है। इस बार भी थंबिग मशीन से धान खरीदी की जाएगी। किसान या उसका नॉमिनी धान बेच पाएगा। समितियों में नमी मापक यंत्र पहुंच चुका है। लेकिन शुरुआती तैयारी हड़ताल के कारण पूरी तरह से ठप पड़ गई है।

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