CG : PNB के लॉकर से कस्टमर का सोना गायब ,पुलिस बोली-मामले में कोई FIR नहीं बनता
भिलाई, छत्तीसगढ़ के भिलाई में पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर से सोना गायब हो गया है। इसे लेकर लॉकर धारक ने बैंक में जमकर हंगामा मचाया। उसने आरोप लगाया कि उसके लॉकर से सोना गायब हो गया है, जबकि लॉकर की चाबी उसी के पास थी। मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है।
भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि बुधवार दोपहर को उनके पास सूचना आई की एक व्यक्ति और उसके परिजन सिविक सेंटर स्थित पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में काफी हंगामा कर रहा है।उनका आरोप है कि बैंक के लॉकर से उनके सोने की चोरी हुई है।
लॉकर खोला तो उसके अंदर एक ही पैकेट मिला
खबर मिलते ही टीआई अपनी टीम के साथ पहुंचे। वहां उन्होंने ममता पुरोहित और अजय पुरोहित से बात की। उन्होंने बताया कि वह कुछ समय के लिए अमेरिका गए थे। अमेरिका जाने से पहले उन्होंने दो पैकेट में सोने के गहने लॉकर के अंदर रखे थे। जब वहां से लौटे और लॉकर खोला तो उसके अंदर एक ही पैकेट रखा है।
डुप्लीकेट चाबी भी से भी नहीं खुल सकता लॉकर
टीआई प्रशांत मिश्रा ने बताया कि बैंक के मैनेजर का कहना है कि लॉकर की दो चाबियां होती हैं। इसमें एक चाबी बैंक के पास और दूसरी लॉकर धारक के पास होती है। लॉकर कभी भी एक चाबी से नहीं खुल सकता है। अगर दूसरी चाबी की डुप्लीकेट चाबी भी बना ली जाए, तब भी लॉकर नहीं खुल सकता है।
शंका है तो CCTV फुटेज चेक कर लें
बैंक मैनेजर का कहना है कि लॉकर से सोना चोरी होने का आरोप गलत है। अगर पुलिस को शंका है तो वह CCTV फुटेज चेक कर लें, जो जांच करना है वह कर लें। उन्होंने यह तक कहा कि प्रार्थी की इच्छा है तो FIR भी करा सकते हैं। पुलिस का कहना है कि मामले में कोई FIR नहीं बनता। लॉकर धारक का सोना कहीं और गुम सकता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बैंक की सुरक्षा को लेकर शिकायतकर्ता स्वाती लुनिया ने उठाए सवाल
बैंक की सुरक्षा पर उठाए गंभीर सवाल
ममता पुरोहित और अजय पुरोहित के जमाई स्वाती लुनिया ने बैंक की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब वो लॉकर खोलने पहुंचे तो लॉकर रूम का दरवाजा खुला था। वहां कोई गार्ड की तैनाती नहीं थी। कोई भी वहां आ जा रहा था। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि बैंक सुरक्षा को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है।
लॉकर के सामान का नहीं होता हिसाब
भिलाई नगर थाना प्रभारी का कहना है कि किसी भी लॉकर में लॉकर धारक जो भी सामान या नगदी रखता है उसका कोई लेखा जोखा बैंक के पास नहीं होता है। इसलिए लॉकर धारक के आरोप को भी सिद्ध नहीं किया जा सकता है।