CG : मिलावट की जांच की सुविधा प्रदेश में ही होगी-रायपुर में एडवांस ड्रग टेस्टिंग लैब बनेगी दवा व कॉस्मेटिक्स की हो सकेगी जांच
रायपुर में जल्द ही एलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं में होने वाली मिलावट की अत्याधुनिक तरीके से जांच हो सकेगी। करीब 11 करोड़ की लागत से कालीबाड़ी में ड्रग विभाग इस एडवांस लैब को बनाएगा। यही नहीं, सौंदर्य प्रसाधन साबुन आदि में होने वाली मिलावट की जांच इस लैब में हो सकेगी।
दरअसल, प्रदेश में अभी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट की कोई जांच ही नहीं होती है। लिहाजा सब स्टैंडर्ड और अमानक सौंदर्य-प्रसाधन चीजों पर ड्रग विभाग कोई एक्शन ही नहीं ले पाता है। साथ ही एलोपैथ और आयुर्वेदिक दवाओं की भी माइक्रो बॉयोलॉजिकल लेवल में जांच ही नहीं हो पाती है। कई बार दवाओं की एडवांस जांच के लिए इन्हें दूसरे राज्यों की एडवांस लैब में भी भेजना पड़ता है।
इससे स्वास्थ्य विभाग को हर साल बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है। एक अनुमान के मुताबिक सरकारी दवा क्रेता कंपनी सालभर में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च अन्य राज्यों की लैब में सैंपल की जांच कराती है। केंद्र सरकार की ओर से करीब 4 साल पहले 11 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया था।
1000 से ज्यादा सैंपल भेजे जाते हैं, जांच आधे की ही
अस्टिेंट ड्रग कंट्रोलर बसंत कौशिक के मुताबिक एडवांस लैब बनने से ड्रग विभाग द्वारा लिए जाने वाले सैंपलों की जांच जल्द ही हो जाया करेगी। इससे एक्शन में भी तेजी आएगी। जानकारों का कहना है हर साल विभाग की ओर से एक हजार से ज्यादा दवाओं के सैंपल लिए जाते हैं।
जिसमें से औसतन 400 से 500 की ही जांच सालभर में हो पाती है। कई बार टेस्टिंग में होने वाली देरी के चलते सैंपल खराब भी हो जाते हैं। इस आंकड़ें में भी काफी सुधार होगा।