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छत्तीसगढ़धमतरी जिला

CG : पोषण वाटिका बढ़ा रही शासकीय कन्या माध्यमिक स्कूल कोसमर्रा की शोभा

धमतरी। वर्तमान दौर में हरी ताजी सब्जियां वह भी जैविक खाद से तैयार हो, मनुष्य के लिए अति आवश्यक हो गईं हैं। रासायनिक खाद युक्त फसलों और सब्जियों से सेहत में विपरीत असर पड़ रहा है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर कुरूद विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोसमर्रा स्थित शासकीय कन्या माध्यमिक स्कूल में शाला प्रबंधन समिति द्वारा पोषण वाटिका तैयार की गई है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और उद्यानिकी विभाग के अभिसरण से तैयार इस पोषण वाटिका में मौसम अनुरूप ताजी हरी सब्जियां उगाई जातीं हैं, जिसमें जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। इन सब्जियों का उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जाता है। इससे तुरंत तोड़ी हुई ताजी और पौष्टिक सब्जियां तो उपलब्ध हो रहीं हैं, साथ ही स्कूल की बच्चियों के पोषण स्तर को भी बढ़ा रहा है। इन सब्जियों में सेमी, बरबट्टी, लौकी, विभिन्न तरह की भाजियां, गिल्की, टमाटर, मिर्ची, धनिया, भिंडी इत्यादि शामिल हैं।

गौरतलब है कि शासकीय कन्या माध्यमिक शाला में पोषण वाटिका निर्माण के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक लाख 13 हजार रुपए एवं उद्यानिकी से 17 हजार रुपए की लागत से 30ग्40 क्षेत्रफल में पोषण वाटिका का निर्माण किया गया है। सब्जियों के बीच कटहल, पपीता, केला, अमरूद, मुनगा, नीबू के कुल 44 पौधों का रोपण किया गया है, ताकि भविष्य में सब्जियों के साथ-साथ फलों का भी उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जा सके। बता दें कि शासकीय माध्यमिक कन्या स्कूल कोसमर्रा में कक्षा छठवीं से आठवीं तक कुल 51 बालिकाएं अध्ययनरत हैं, जिनके लिए स्वच्छता का पूर्ण ध्यान रखते हुए पोषण वाटिका की उत्पादित सब्जियां गरम भोजन में परोसा जाता है। यह पोषण वाटिका निश्चित तौर पर कुपोषण को दूर करने में काफी हद तक सहयोगी साबित होगी।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोमा श्रीवास्तव ने बताया कि शासकीय माध्यमिक शाला में पोषण वाटिका का निर्माण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा अभिसरण मद की राशि से किया गया है। स्कूल की 30 x 40 वर्गफीट की खाली जमीन पर पोषण वाटिका तैयार कर मौसमी सब्जी के रूप में सेमी, बरबट्टी,  टमाटर, लौकी,  धनिया, मिर्च एवं भिंडी के अलावा क्यारियां तैयार कर विभिन्न प्रकार के कटहल, पपीता, मुनगा, केला, अमरूद, नीबू जैसे फलदार पौधे भी लगाए गए हैं।

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