advertisement
मध्य प्रदेश

राज्य सरकार ने आगामी वर्षों में 14 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की, पांच तो अगले वर्ष ही शुरू करने की तैयारी

भोपाल
राज्य सरकार ने आगामी वर्षों में 14 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है। इनमें पांच तो अगले वर्ष ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। कॉलेज शुरू करने में सबसे बड़ी चुनौती यहां फैकल्टी के उच्च पदों को भरना है।
इसके लिए सरकार छोटे और पिछड़े जिलों के मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी को 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता देने की तैयारी कर रही है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय शीघ्र ही इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेगा।

क्‍यों बन रहे हैं ये हालात
इस वर्ष प्रारंभ हुए सिवनी, नीमच और मंदसौर मेडिकल कालेज में फैकल्टी की कमी के चलते एमबीबीएस की 100 सीटों की अनुमति ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिल पाई, जबकि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने 150-150 सीटों के लिए आवेदन किया था। सबसे अधिक परेशानी एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद भरने में आ रही है।

नीमच, सिवनी, मंदसौर मेडिकल कॉलेजों से हुआ साबित
दूरस्थ क्षेत्र के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के डाॅक्टरों को सरकार पहले से ही अतिरिक्त भत्ता दे रही है। दरअसल, निजी प्रैक्टिस के मोह में बड़े डाॅक्टर छोटे जिलों में नहीं जाना चाहते। नीमच, सिवनी और मंदसौर मेडिकल कॉलेज में यह साबित हो चुका है। इस कारण मजबूरी में सरकार नीति बनाने की तैयारी कर रही है।

नहीं मिल पाते फैकल्‍टी
    नए कॉलेजों में पहले वर्ष तो गैर चिकित्सकीय विषय एनाॅटमी, फिजियोलाजी और बायोकेमेस्ट्री में ही फैकल्टी की आवश्यकता होती है।
    लेकिन आगे के वर्षों के लिए चिकित्सकीय विषय जैसे मेडिसिन, सर्जरी आदि विषयों में फैकल्टी नहीं मिल पाते।
    प्रोत्साहन राशि के संबंध में विस्तृत रूपरेखा बनने के बाद तय होगा कि किन जिलों को पिछड़े के श्रेणी में रखा जाएगा।
    यहां काम करने वाले फैकल्टी को कितना लाभ मिलेगा।

 

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button