advertisement
मध्य प्रदेश

शहरों में आने वाले श्रमिकों के लिए बनेंगे 16 मॉडल रैन-बसेरे, मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही शुरू

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के शहरों में संचालित रैन-बसेरों की जानकारी ली है। विभिन्न कार्यों से ग्रामीण शहरों में पहुंचते हैं। इनके रात्रि विश्राम के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से श्रम विभाग के माध्यम से रैन-बसेरों के निर्माण का कार्य होगा। उल्लेखनीय है कि नगर निगमों के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख नगरों में दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत 121 आश्रय स्थल संचालित हैं। यहां शहरी बेघर आकर भी शरण लेते हैं। नगरीय निकायों द्वारा इन स्थानों का प्रबंधन किया जाता है। प्रदेश के 16 नगर निगम क्षेत्रों में मॉडल रैन-बसेरों का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके लिए शासन ने श्रम विभाग को प्रति मॉडल रैन-बसेरा 6.10 करोड़ रूपए के मान से 100 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की है। श्रम विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों और एजेंसियों ने रैन-बसेरों के निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।

मुख्यमंत्री ने किया था राजधानी के रैन-बसेरों का निरीक्षण
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गत दिसम्बर में भोपाल शहर में फुटपाथ पर रात गुजारने वाले कई नागरिकों से भेंट की थी। साथ ही ईदगाह हिल्स और शाहजहांनी पार्क के पास नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा संचालित रैन-बसेरों का निरीक्षण भी किया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन रैन-बसेरों में नागरिकों के उपचार के लिए सुविधा प्रदान करने, भोजन की गुणवत्ता पर नजर रखने और शीतकाल में रजाई आदि की व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए थे। अनेक सामाजिक संगठन भी रैन-बसेरों के अच्छे संचालन के लिए सहयोग करते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रैन-बसेरों के निरीक्षण में इस तथ्य की भी जानकारी मिली थी कि निर्धन वर्ग विशेषकर ऐसे श्रमिक जो किन्हीं कार्यों से भोपाल, इंदौर व अन्य बड़े नगरों में आते हैं और उन्हें कुछ दिन शहर में रहना होता है। शहरों में ऐसी सुविधा कम होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रमिकों की सुविधा के लिए शहरों में श्रमिक विश्राम गृह के निर्माण के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में भोपाल, सागर, जबलपुर एवं इंदौर के प्रस्ताव तैयार कर श्रमिक विश्राम गृह के निर्माण की पहल की गई है।

इन नगरों में होगा रैन बसेरों का निर्माण
यह विश्राम गृह "मॉडल रैन बसेरे" के रूप में जाने जाएंगे। प्रत्येक मॉडल रैन बसेरा 100 बिस्तर की क्षमता का होगा। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, रतलाम, सागर, रीवा, सिंगरौली, सतना, जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, मुरैना और ग्वालियर में रैन-बसेरों का निर्माण किया जाना है। इन रैन- बसेरों में नि:शुल्क अथवा रियायती दर पर भोजन की व्यवस्था इस्कॉन (अक्षय पात्र) जैसी संस्थाओं के माध्यम से करवाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के नगरों में मॉडल रैन-बसेरों के निर्माण के लिए भूमि चिन्हांकित की जा चुकी है। रैन-बसेरों का निर्माण पीआईयू द्वारा किया जाएगा। इनका संचालन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति नगर निगम के माध्यम से करेगी।

 

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button