दीपक से मन एकाग्र होता है और एकाग्र मन से की गयी प्रार्थना स्वीकृत होती है. दीपावली पर अलग-अलग तरीकों के दीपक जलाकर हम अपनी अलग-अलग मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं.
हिन्दू परंपरा में पांच तत्वों का विशेष महत्व है, पृथ्वी ,जल, अग्नि, आकाश और वायु. हम इनको संयुक्त रूप से सृष्टि और ईश्वर मानते हैं. इन पांचों तत्वों में अग्नि को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. अग्नि के प्रतीक रूप में दीपक को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. दीपक का महत्व इतना ज्यादा है कि हम दीपों का एक पूरा पर्व दिवाली भी मनाते हैं. दीपक से मन एकाग्र होता है और एकाग्र मन से की गयी प्रार्थना स्वीकृत होती है. दिवाली पर अलग-अलग तरीकों के दीपक जलाकर हम अपनी अलग अलग मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं. इस बार दिवाली के साथ नरक चतुर्दशी भी है तो छह मुखी दीपक जरूर जलाएं.
एक मुखी दीपक- सामान्य रूप से हर पूजा पाठ और मंत्र जाप के पूर्व एक मुखी दीपक जलाया जाता है. इस दीपक में दो बातियां होती हैं , जिसमे से सिर्फ एक सिरा जलाया जाता है. इस तरह के दीपक को जलाकर कोई भी पूजा उपासना की जा सकती है. इस तरह के दीपक को जलाने से ईश्वर की कृपा सरलता से मिल सकती है. इस दीपावली एक बड़ा सा एक मुखी घी का दीपक मां लक्ष्मी के सामने जरूर जलाएं. इसके बाद इस दीपक पर मन एकाग्र करके मां लक्ष्मी से प्रार्थना करें.
दो मुखी दीपक- दो मुखी दीपक सामान्य रूप से नहीं जलाया जाता है. इस दीपक का प्रयोग स्वास्थ्य और आयु रक्षा के लिए किया जाता है. इस तरह के दीपक में भी दो बातियां होती हैं , जिसमे दो सिरे जलाये जाते हैं. यह दीपक घी का होता है. एक सिरा शिव जी के समक्ष और एक सिरा अपनी तरफ होना चाहिये. स्वास्थ्य रक्षा के लिए इस दीपावली शिव जी के सामने दो मुखी दीपक जलायें.
तीन मुखी दीपक- तीन मुखी दीपक विशेष दशाओं में खूब लाभकारी होता है. इस तरह के दीपक को जलाने से शत्रु बाधा और विरोधियों की समस्या दूर हो जाती है. इस तरह के दीपक में भी दो बातियां होती हैं और तीन सिरे जलाये जाते हैं. इस दीपक के तीनों सिरे सामने और दाएं बायें होते हैं, अपनी तरफ कोई सिरा नहीं होता. इस दीपक में सरसों का तेल भरा जाता है. इस दिवाली मां काली के समक्ष तीन मुखी सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं. दीपक जलाकर मान काली के मन्त्रों का जप करें और शत्रु विरोधियों के शांत होने की प्रार्थना करें. इस दीपक में सरसों का तेल भरने से शीघ्र लाभ होगा.
चार मुखी दीपक- हर तरह की विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिए चार मुखी दीपक जलाया जाता है. धन प्राप्ति, ग्रह दोष निवारण और सिद्धि प्राप्त करने के लिए इस दीपक का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है. इस तरह के दीपक में दो बातियां होती हैं और चारों सिरे जलाये जाते हैं. सामान्यत: इस दीपक में घी भरा जाता है. इस दीपावली में भगवान गणेश के सामने चार मुखी दीपक जलाएं. इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें.
छह मुखी दीपक- संतान की प्राप्ति और संतान सम्बन्धी समस्याओं के निवारण के लिए छह मुखी दीपक जलाया जाता है. इस तरह के दीपक में तीन बातियां होती हैं, और इन बातियों के छह सिरों को जलाया जाता है. इस दीपक में भी घी भरा जाता है. इस दीपक को अगर पति पत्नी एक साथ जलाएं तो संतान सम्बन्धी समस्याओं का निवारण आसानी से हो जाता है. जिन दम्पत्तियों को संतान संबंधी कोई समस्या है वो इस दीपावली गणेश जी के सामने छह मुखी दीपक जलाएं.
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