प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में स्थित खरतनाक एवं जीर्ण-क्षीर्ण भवन को हटाने की कार्रवाई में सख्ती करें
भोपाल
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में स्थित खतरनाक एवं जीर्ण-क्षीर्ण भवनों के संबंध में नगरीय निकायों में सख्त कार्रवाई करते हुए इनके खतरनाक हिस्सों को तत्काल हटाया जाये। यह निर्देश आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव ने समस्त आयुक्त नगर पालिक निगम और मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं नगर परिषद को जारी किये हैं।
आयुक्त भरत यादव ने जारी निर्देश में कहा है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश वर्षा ऋतु शुरू होने के पहले जून माह में जारी किये थे। उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 309 एवं 310 तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 में प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में स्थित जर्जर भवनों पर कार्रवाई करने का प्रावधान है। उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि किसी भी प्रकार की जन-धन हानि को रोकने के लिये यह आवश्यक है कि अधिनियम की धाराओं के अनुसार जर्जर मकानों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई जारी रखी जाये।
आयुक्त भरत यादव ने नगरीय निकायों को हिदायत दी है कि जीर्ण-क्षीर्ण भवनों के संबंध में केवल सूचना-पत्र जारी करके इतिनहीं माना जाये बल्कि इससे संबंधित समुचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। जर्जर निजी अथवा शासकीय भवनों को नोटिस दिये जाने की सूचना तथा उसकी सूची जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को आवश्यक रूप से उपलब्ध कराई जाये।
प्रदेश में जर्जर एवं खतरनाक भवन में यदि कोई परिवार रह रहा है, तो जिला प्रशासन के सहयोग से उनके व्यवस्थापन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इसके बावजूद उक्त परिवार यदि जर्जर भवन खाली नहीं कर रहा है, तो उस भवन की बिजली एवं जल प्रदाय कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी तेजी से की जाये।