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वेदांता एल्युमीनियम ने रवि पालीवाल को ऐश मैनेजमेंट का सीईओ नियुक्त किया

उनके 27 वर्षों के अनुभव (मुख्यतः ऊर्जा क्षेत्र में) का कंपनी को लाभ मिलेगा

भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम ने रवि पालीवाल को ऐश मैनेजमेंट का सीईओ नियुक्त करने की घोषणा की है। रवि ऐश मैनेजमेंट के प्रचालनों को देखेंगे। साथ ही, टेक्नोलॉजी व प्रक्रियाओं के इस्तेमाल पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, ताकि संसाधन क्षमता बढ़ाई जाए और थर्मल पॉवर जनरेशन के विशाल बाय-प्रोडक्ट का उपयोग करने हेतु नए तरीकों का पता लगाया जा सके, जिसके फलस्वरूप सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वेदांता एल्युमीनियम के अलावा रवि वेदांता के विद्युत व्यापार (जिसमें तलवंडी साबो पॉवर प्लांट, मीनाक्षी एनर्जी व एथेना शामिल हैं) तथा हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड के ऐश मैनेजमेंट प्रचालनों का दायित्व भी संभालेंगे।

रवि उद्योग जगत के बहुत अनुभवी पेशेवर हैं, उन्हें 27 सालों का विविधतापूर्ण अनुभव है और वे वेदांता एल्युमीनियम अपनी व्यापक विशेषज्ञता लेकर आएँगे। वेदांता में शामिल होने से पहले वे बजाज एनर्जी में कॉन्ट्रैक्ट, कमर्शियल्स व मटेरियल्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष का पदभार संभाल चुके हैं। उससे पहले वे जेएसडब्ल्यू एनर्जी और नाभा पॉवर (लार्सन एंड टुब्रो) में वरिष्ठ प्रबंधकीय पदों पर सेवाएँ दे चुके हैं। परचेज़ फंक्शंस, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, वेंडर डेवलपमेंट और सर्विस कॉन्ट्रैक्ट्स के काम में रवि को महारत हासिल है।

इस नियुक्ति पर वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा, “ऐश मैनेजमेंट के सीईओ के तौर पर हम रवि पालीवाल का स्वागत करते हैं। उनका समृद्ध अनुभव और ज्ञान हमारे ऐश मैनेजमेंट के प्रचालनों में उत्कृष्टता लाने का काम करेगा। यह कदम हमारे व्यापक सस्टेनेबिलिटी एजेंडा के साथ मेल खाता है, जिसमें फ्लाई-ऐश जैसे बायप्रोडक्ट से मूल्य हासिल करने के लिए उपयुक्त रास्ते विकसित करना शामिल है और साथ ही वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा मिश्रण को 30 प्रतिशत करने में भी उनका योगदान रहेगा।”

अपनी इस नियुक्ति पर वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ-ऐश मैनेजमेंट रवि पालीवाल ने कहा, “वेदांता के लिए ऐश मैनेजमेंट की अगुआई करने को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूँ। वेदांता एल्युमीनियम का उद्देश्य ऐश के इस्तेमाल के नए मार्ग तलाश कर हमारे प्रचालनों में सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना एवं सस्टेनेबिलिटी को आगे बढ़ाना है; और कंपनी के इस विज़न में अब मेरा योगदान भी शामिल रहेगा।”

वेदांता एल्युमीनियम भारत के कैप्टिव पॉवर प्लांट के सबसे बड़े पोर्टफोलियो का प्रचालन करती है, इस वजह से प्रभावी ऐश मैनेजमेंट कंपनी के लिए यह अत्यंत अहम् हो गया है, क्योंकि यह थर्मल पॉवर जनरेशन का मुख्य बायप्रोडक्ट है। कंपनी संसाधनों का उपयोग बढ़ाने और ऐश के लिए अभिनव प्रयोग खोजने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उदाहरण के लिए, सीमेंट उद्योग में फ्लाई-ऐश का महत्वपूर्ण उपयोग है तथा ईंट व सड़क निर्माण में भी इसका इस्तेमाल आम है। वेदांता एल्युमीनियम ने लो-कार्बन सीमेंट बनाने वाले अग्रणी सीमेंट विनिर्माताओं के साथ फ्लाई-ऐश आपूर्ति हेतु साझेदारी की हैं और कंपनी सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के अन्य रास्ते भी तलाश कर रही है।

एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) 2023 द्वारा वेदांता एल्युमीनियम को दुनिया के सबसे अधिक सस्टेनेबल एल्युमीनियम उत्पादक के तौर पर मान्यता दी है। कंपनी सन् 2050 तक या उससे पहले नेट ज़ीरो की लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रयासरत है और निरंतर इस दिशा में आगे बढ़ रही है। कंपनी यह काम कार्बन फुटप्रिंट घटा कर तथा उसकी ऑफसेटिंग से कर रही है, गौरतलब है कि वेदांता एल्युमीनियम अपने एनर्जी मिक्स में नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि कर रही है, उच्चतर प्रचालन क्षमता सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण उत्कृष्टता बढ़ा रही है तथा बायोफ्यूल जैसे लो-कार्बन ऊर्जा स्त्रोतों की ओर बढ़ रही है।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमीनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी है। वित्तीय वर्ष 24 में 23.7 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमीनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्युमीनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, जिनका उपयोग कई अहम् उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्युमीनियम को एल्युमीनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है। यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्व स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर्स और एल्युमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमीनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।वेदांता एल्युमीनियम ने रवि पालीवाल को ऐश मैनेजमेंट का सीईओ नियुक्त किया

उनके 27 वर्षों के अनुभव (मुख्यतः ऊर्जा क्षेत्र में) का कंपनी को लाभ मिलेगा

7 अगस्त, 2024: भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम ने रवि पालीवाल को ऐश मैनेजमेंट का सीईओ नियुक्त करने की घोषणा की है। रवि ऐश मैनेजमेंट के प्रचालनों को देखेंगे। साथ ही, टेक्नोलॉजी व प्रक्रियाओं के इस्तेमाल पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, ताकि संसाधन क्षमता बढ़ाई जाए और थर्मल पॉवर जनरेशन के विशाल बाय-प्रोडक्ट का उपयोग करने हेतु नए तरीकों का पता लगाया जा सके, जिसके फलस्वरूप सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वेदांता एल्युमीनियम के अलावा रवि वेदांता के विद्युत व्यापार (जिसमें तलवंडी साबो पॉवर प्लांट, मीनाक्षी एनर्जी व एथेना शामिल हैं) तथा हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड के ऐश मैनेजमेंट प्रचालनों का दायित्व भी संभालेंगे।

रवि उद्योग जगत के बहुत अनुभवी पेशेवर हैं, उन्हें 27 सालों का विविधतापूर्ण अनुभव है और वे वेदांता एल्युमीनियम अपनी व्यापक विशेषज्ञता लेकर आएँगे। वेदांता में शामिल होने से पहले वे बजाज एनर्जी में कॉन्ट्रैक्ट, कमर्शियल्स व मटेरियल्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष का पदभार संभाल चुके हैं। उससे पहले वे जेएसडब्ल्यू एनर्जी और नाभा पॉवर (लार्सन एंड टुब्रो) में वरिष्ठ प्रबंधकीय पदों पर सेवाएँ दे चुके हैं। परचेज़ फंक्शंस, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, वेंडर डेवलपमेंट और सर्विस कॉन्ट्रैक्ट्स के काम में रवि को महारत हासिल है।

इस नियुक्ति पर वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा, “ऐश मैनेजमेंट के सीईओ के तौर पर हम रवि पालीवाल का स्वागत करते हैं। उनका समृद्ध अनुभव और ज्ञान हमारे ऐश मैनेजमेंट के प्रचालनों में उत्कृष्टता लाने का काम करेगा। यह कदम हमारे व्यापक सस्टेनेबिलिटी एजेंडा के साथ मेल खाता है, जिसमें फ्लाई-ऐश जैसे बायप्रोडक्ट से मूल्य हासिल करने के लिए उपयुक्त रास्ते विकसित करना शामिल है और साथ ही वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा मिश्रण को 30 प्रतिशत करने में भी उनका योगदान रहेगा।”

अपनी इस नियुक्ति पर वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ-ऐश मैनेजमेंट रवि पालीवाल ने कहा, “वेदांता के लिए ऐश मैनेजमेंट की अगुआई करने को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूँ। वेदांता एल्युमीनियम का उद्देश्य ऐश के इस्तेमाल के नए मार्ग तलाश कर हमारे प्रचालनों में सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना एवं सस्टेनेबिलिटी को आगे बढ़ाना है; और कंपनी के इस विज़न में अब मेरा योगदान भी शामिल रहेगा।”

वेदांता एल्युमीनियम भारत के कैप्टिव पॉवर प्लांट के सबसे बड़े पोर्टफोलियो का प्रचालन करती है, इस वजह से प्रभावी ऐश मैनेजमेंट कंपनी के लिए यह अत्यंत अहम् हो गया है, क्योंकि यह थर्मल पॉवर जनरेशन का मुख्य बायप्रोडक्ट है। कंपनी संसाधनों का उपयोग बढ़ाने और ऐश के लिए अभिनव प्रयोग खोजने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उदाहरण के लिए, सीमेंट उद्योग में फ्लाई-ऐश का महत्वपूर्ण उपयोग है तथा ईंट व सड़क निर्माण में भी इसका इस्तेमाल आम है। वेदांता एल्युमीनियम ने लो-कार्बन सीमेंट बनाने वाले अग्रणी सीमेंट विनिर्माताओं के साथ फ्लाई-ऐश आपूर्ति हेतु साझेदारी की हैं और कंपनी सर्कुलर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के अन्य रास्ते भी तलाश कर रही है।

एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) 2023 द्वारा वेदांता एल्युमीनियम को दुनिया के सबसे अधिक सस्टेनेबल एल्युमीनियम उत्पादक के तौर पर मान्यता दी है। कंपनी सन् 2050 तक या उससे पहले नेट ज़ीरो की लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रयासरत है और निरंतर इस दिशा में आगे बढ़ रही है। कंपनी यह काम कार्बन फुटप्रिंट घटा कर तथा उसकी ऑफसेटिंग से कर रही है, गौरतलब है कि वेदांता एल्युमीनियम अपने एनर्जी मिक्स में नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि कर रही है, उच्चतर प्रचालन क्षमता सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण उत्कृष्टता बढ़ा रही है तथा बायोफ्यूल जैसे लो-कार्बन ऊर्जा स्त्रोतों की ओर बढ़ रही है।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमीनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी है। वित्तीय वर्ष 24 में 23.7 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमीनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्युमीनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, जिनका उपयोग कई अहम् उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्युमीनियम को एल्युमीनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है। यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्व स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर्स और एल्युमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमीनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।

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