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मध्य प्रदेश

चित्रकूट में भारतीय सनातन, संस्कृति और मानवीय सभ्यता का है अनूठा मेल : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि चित्रकूट में भगवान श्रीराम का वनवास काल गुजरा है। यहां मानवीय सभ्यता और भारतीय सनातन, संस्कृति का अनूठा मेल दिखाई देता है। चित्रकूट की पावन धरा पर जियो पार्क की संभावना तलाशने का कार्य आरंभ किया गया है। जियो पार्क से इस क्षेत्र में रोजगार और विकास के अवसर खुलेंगे तथा सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को चित्रकूट के उद्यमिता परिसर के विवेकानंद सभागार में चित्रकूट संभावित यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क की स्थापना के लिए आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यूनेस्को ने 195 देशों में जियो पार्क की स्थापना की संभावनाएँ तलाशी है, जिसमें उन्होंने चित्रकूट की पावन धरती पर जियो पार्क की संभावना देखने के लिए यूनेस्को के प्रतिनिधियों का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत रत्न नानाजी देशमुख ने सर्वाधिक पिछडे क्षेत्र में स्वावलंबन की अलख जगाई थी। इस क्षेत्र में रोजगार, पशुपालन, कृषि, सहित सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में भी प्रगति दीनदयाल शोध संस्थान का विशेष योगदान रहा है। प्रदेश में चित्रकूट ही ऐसा परम धाम है, जहां सभी संभावनाएँ फलीभूत होती हैं। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में जियो पार्क की स्थापना से हमारी प्राचीन विरासत और अमूल्य भारतीय संस्कृति को संरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चित्रकूट यूनेस्को जियो पार्क आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर यूनेस्को के प्रतिनिधि ने जियो पार्क की स्थापना के उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया कि हमारी प्राकृतिक संपदा को संरक्षित करने की जरूरत है। जियो पार्क को उद्देश्य अपनी भू-वैज्ञानिक और सांस्कृतिक विरासत की खोज कर उसे और प्रभावी बनाना है। भारत में अब तक कोई जियो पार्क नहीं है। भगवान श्रीराम की तपो भूमि चित्रकूट में मानव जीवन का पुराना इतिहास मौजूद होने से यहां जियो पार्क की संभावना अत्यधिक है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, सांसद श्री गणेश सिंह, सांसद मुरैना श्री शिवमंगल सिंह तोमर, विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, पद्म श्री उमाशंकर पाण्डेय, उत्तम बनर्जी कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, श्री मुकेश पाण्डेय, कुलगुरू ए.के. सिंह, भरत मिश्रा सहित जन-प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे।

 

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