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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

Rajnandgaon: बहन से प्रेम प्रसंग की शंका पर उतारा मौत के घाट, हत्या का आरोपी विधी से संघर्षरत बालक चंद घण्टे में गिरफ्तार

विधी से संघर्षरत बालक का है पूर्व अपराधिक रिकार्ड

राजनांदगांव . दिनांक- 29.07.2024 के रात्रि करीबन 11ः50 बजे भगत सिंह चौक डोंगरगढ़ के पास लड़ाई-झगड़ा व मारपीट होने की पुलिस को सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पुलिस पंहूची जहां एक व्यक्ति खुन से लथपथ पड़ा हुआ मिला जिसे पुलिस तत्काल उपचार हेतु सी0एच0सी0 डोंगरगढ़ ले गये जहां डॉ0 द्वारा मृत घोषित कर दिये। बाद घटना की गंभीरता को देखते हुये थाना प्रभारी निरीक्षक जितेन्द्र वर्मा द्वारा अति पुलिस अधीक्षक महोदय श्री राहुल देव शर्मा व पुलिस अनुविभागीय अधिकारी महोदय डोंगरगढ़ श्री आशीष कुंजाम को घटना से अवगत कराकर वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देश अनुसार डोंगरगढ़ के पुलिस घटना के जांच में जुट में गये।


घटना के विवेचना दौरान पता चला कि मृतक राजू निषाद पिता मोती निषाद उम्र- 22 साल निवासी गौरा चौक के पास मोहारा थाना बसंतपुर जिला राजनांदगंाव को विधी से संघर्षरत बालक द्वारा शराब पीने के लिये डोंगरगढ़ बुलाने पर राजू निषाद अपने गांव के दोस्त भवानी ध्रुव के साथ डोंगरगढ़ आये थे जहां विधि से संघर्षरत बालक के घर में विधि से संघर्षरत बालक द्वारा राजू निषाद को अपनी बहन के साथ प्रेम संबंध होने की शंका पर धारदार कैंची से राजू निषाद के कमर में पेट के पास एवं गाल पास मार दिये जिससे राजू निषाद का मृत्यु हो गया। जिसकी प्रार्थी भवानी ध्रुव के रिपोर्ट पर थाना डोंगरगढ़ में अपराध क्र0- 417/2024 धारा- 103(1) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विधी से संघर्षरत बालक का अपराधिक रिकार्ड तलाशने पर उसके विरूद्ध इसके पूर्व भी थाना डोंगरगढ़ में 03 प्रकरण मारपीट, गंभीर चोंट, लूट एवं आर्म्स एक्ट जैसे प्रकरण पंजीबद्ध होना पाया गया है। विवेचना दौरान घटना स्थल से घटना मे ंप्रयुक्त कैंची एवं अन्य साक्ष्य बरामद कर विधी से संघर्षरत बालक के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही किया गया है जिसे संरक्षणात्मक अभिरक्षा में भेजने हेतु माननीय न्यायालय में पेश किया जाता है।

उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी डोंगरगढ़ निरीक्षक जितेन्द्र वर्मा, उप निरीक्षक राजेश बघेल, सउनि मुजीम रहमान कुरैशी, प्र0आर0- अखिल अम्बादे, अजीत टोप्पो, आरक्षक चमन साहू, रविराज माण्डले, नीरज विश्वकर्मा, लीलाधर मण्डलोई, अरूण मनहर, कमल निषाद का विशेष योगदान रहा है।

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