एक्सक्लूसिवकवर्धा जिलाराजनांदगांव जिला

फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षाकर्मीयो का भी सविलियन लिस्ट में नाम


​राजनांदगांव। कबीरधाम जिला पंचायत में वर्ष 2017-18 में जितने भी लोगों की नियुक्ति हुई है उसमें अधिकतर लोग नियमों की अवहेलना करते हुए फर्जी तरीके से नौकरी में लगे हैं राजनांदगांव निवासी महेश कुमार शर्मा को मिले आईटीआई दस्तावेज में कबीरधाम जिला पंचायत द्वारा यह कहा गया है कि इस भर्ती में पात्र-अपात्र की लिस्ट नहीं बनाई गई है जबकि बिना पात्र -अपात्र लिस्ट बनाये सरकार कोई भी भर्ती नहीं कर सकती है पात्र-अपात्र की लिस्ट ना बनाने के कारण विद्यार्थियों को दावा आपत्ति करने का मौका नहीं मिला और जिला पंचायत कबीरधाम ने पात्र व्यक्तियों को अपात्र कर अपने लोगों की भर्ती फर्जी तरीके से कर ली। कबीरधाम निवासी शिक्षा पांडे को RTI से आज पता चला कि उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया था और उनसे कम नंबर वाले को नियुक्ति दे दी गई थी जबकि वे सरकार द्वारा जारी विज्ञापन में दी गई सभी योग्यता रखते थे वहीं कवर्धा निवासी गोपी साहू भी विज्ञापन में दी गई योग्यता रखता था लेकिन ऐसे व्यक्ति को नियुक्ति दे दी गई जो विज्ञापन जारी होने के बाद B.Ed किया है। यह दोनों अभ्यर्थियों की नौकरी केवल इसलिए नहीं लगी क्योंकि ज़िला पंचायत कबीरधाम ने पात्र-अपात्र की लिस्ट नही बनाई। जब सूत्रों से उन्हें जानकारी मिली कि उनसे कम नंबर वाला व्यक्ति नौकरी लग गया है तब RTI के दस्तावेज से पता चला कि उन्हें कूटरचित तरीके से अपात्र किया गया है और इस भर्ती में पूरा भ्रष्टाचार हुआ है। जिला पंचायत के सीईओ ने कहा की छानबीन कमेटी और चयन कमेटी ने जिसका जिसका नाम दिया उसका नियुक्ति पत्र हमने जारी किया है लेकिन सूचना के अधिकार से जानकारी प्राप्त हुई की छानबीन कमेटी ने गलत सत्यापन किया है उनके द्वारा अपात्रों को पात्र कर दिया गया जिसके कारण अपात्रो का चयन लिस्ट में नाम आ गया। इस भ्रष्टाचार की शिकायत पूरे प्रमाणित दस्तावेज सहित राजनांदगांव निवासी महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री,कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य उच्च अधिकारियों से की है और महेश शर्मा का बयान कबीरधाम थाना कोतवाली में FIR लिखने लिया जा चुका है। शर्मा ने सचिवालय, मुख्यमंत्री और कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि जब तक थाने और ACB द्वारा इस भर्ती को हरी झंडी नही मिल जाती तब तक कबीरधाम 2017-18 में नियुक्त शिक्षाकर्मीयो का संविलियन न किया जाए। और पात्र व्यक्तियों को जल्द से जल्द न्याय दिया जाए।

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