लॉकडाउन में फंसे कलाकारों के लिए सुनील शेट्टी की खास पहल
लॉकडाउन में जरुरतमंद लोगों की मदद करने के साथ ही फिल्म जगत से जुड़े बड़े नाम, कलाकारों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं। पूरी तरह से काम के ठप्प हो जाने से यह कोशिश की जा रही है कि अगर कलाकार मौकों तक नहीं पहुंच सकते हैं तो मौकों को उनके तक पहुंचाया जाए। इसी को देखते हुए अभिनेता सुनील शेट्टी ने युवा कलाकारों के लिए एक प्रतियोगित की शुरुआत की है। उन्होंने कलाकारों से घर से ही मोबाइल की मदद से एक शॉर्ट फिल्म बना कर उन्हें भेजने के लिए कहा है। सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को आकर्षक पुरस्कारों के साथ ही काम करने के बेहतरीन मौकें मिलेंगे। यह जानाकारी साझा करते हुए सुनील शेट्टी ने एक वीडियो संदेश जारी किया है।
अपने वीडियो संदेश में सुनील शेट्टी कहते हैं, ‘क्रिएटिविटी कभी भी लॉकडाउन नहीं हो सकती है। बाहर जितने भी क्रिएटिव लोग हैं उनके लिए एक कमाल का मौका है कि वह घर में रहते हुए एक कमाल की फिल्म बनाए। हमारा एफटीसी शॉर्ट्स फिल्म चैलेंज आपको अपने ही घर से एक जबरदस्त मौका देता है एक शॉर्ट फिल्म बनाने का। बस अपने घर से अपने मोबाइल से, अपने विचार को शूट कीजिए और हमें भेजिए एफटीसी चैलेंज डॉट कॉम पर। फिल्म में एक्टिंग, बड़े प्रोडक्शन की फिल्म में असिस्ट करने और अच्छा प्राइज जितने का मौका है। तो दोस्तों घर पर रहिए, घर से ही शूट करिए, सुरक्षित रहिए और बड़ा मुकाम हासिल करिए। आपको बहुत शुभकामनाएं।’
विस्तार से बताएं तो सुनील शेट्टी की कंपनी एफटीसी टैलेंट मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और उसकी टीम ने ‘एफटीसी शॉर्ट्स’ नामक एक शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता की शुरुआत की है जिसके तहत कोई भी अपने घर से ही फिल्म बनाकर भेज सकता है। यह फिल्म घर में ही शूट हुई होनी चाहिए जिसमें प्रतियोगी भी एक्ट कर सकते हैं। जरुरत पड़ने पर प्रतियोगी अपने परिवार के सदस्यों, अपने जानवरों या फिर किसी दूसरी वस्तु की मदद से भी शूट कर सकते हैं। इसके लिए प्रतियोगी का एफटीसी टैलेंट मीडिया एंड एंटरटेनमेंट कंपनी में रजिस्टर होना जरुरी है। इसके लिए कंपनी की वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर कर सकते हैं जो पूरी तरह से फ्री है।
प्रतियोगियों को इन बातों का खास ख्याल रखना है कि प्रतियोगी एक्टर, निर्देशक, लेखक, एडिटर आदि के तौर पर रजिस्टर होने चाहिए। एक से अधिक श्रेणियों में भी आवेदन किया जा सकता है बशर्ते फिल्म खुद बनाई गई हो और घर में शूट की गई हो। फिल्म को मोबाइल से भी कर उपलब्ध स्रोतों से एडिट किया जा सकता है। सभी काम असली होना चाहिए जो किसी भी तरह से धर्म, जाति, पंथ, राजनीतिक माहौल, राष्ट्रीयता या किसी भी विशेष की भावना को ठेस नहीं पहुंचाती हों।