अभिषेक सिंह की कड़ी मेहनत से नांदगांव विस क्षेत्र में भाजपा को बंफर वोटों से जीत मिली
पूर्व सांसद अभिषेक सिंह कवर्धा के ठाठापुर निवासी एवं पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में विधानसभा के स्पीकर डॉ. रमन सिंह के पुत्र हैं लेकिन वे भारतीय जनता पार्टी के निष्ठावान एवं समर्पित नेता तथा कार्यकर्ता हैं। डॉ. रमन सिंह की तरह अभिषेक सिंह यह भूल चुके है कि वे कवर्धा जिले के निवासी है। ऐसी समर्पित निष्ठा वर्तमान में आयाराम – गयाराम की राजनीति में बहुत कम देखने मे आती है। अभिषेक सिंह न केवल बहुत विनम्र है अपितु वे अपने कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुनते है साथ ही यथासंभव वे उनकी समस्याओं का समाधान भी करते है। समस्या यदि उनके सामर्थ्य से बाहर की हो तो वे झूठी तसल्ली देने के बदले साफ – साफ यह बतला देते हैं कि यह उनके बूते की बात नहीं है। कुछ गुंजाइश रहती है तो वे यह भी बतला देते हैं कि इसके निदान में चार – छह महीने का समय लग सकता है।
पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने पिता डॉक्टर रमन सिंह को विजय बनाने के लिए राजनांदगांव शहर के अलावा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में समर्पित होकर कार्य किया। इसलिए नहीं कि प्रत्याशी उनका पिता है। अपितु इसलिए कि वे भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता बनकर उसके नेता बने हैं, डाक्टर साहब को कवर्धा की जनता ने एक बार की विधायिकी के बाद दूसरी बार उन्हें नकार दिया । इसी दौरान भाजपा हाईकमान की ओर से जब उन्हें राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र से दिग्गज कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के विरूद्ध चुनाव लडने का प्रस्ताव मिला तब वे संसदीय चुनाव लडऩे के लिए सहर्ष तैयार हो गए। उन्होंने मोतीलाल वोरा के खिलाफ (इस क्षेत्र से) नया नवेला होने के बावजूद नुक्कड़ सभाएं ले – लेकर पूरी गंभीरता से चुनाव लड़ा अपितु वोरा जैसे दबंग एवं प्रभावशाली नेता को पराजित किया।
बस इसके बाद उन्होंने राजनांदगांव की धरती को अपनी कर्मभूमि बना लिया तथा 15 वर्षो के अपने मुख्यमंत्रित्व काल में राजनांदगांव शहर तथा विधानसभा क्षेत्र का उसी तरह विकास किया जिस तरह से मोतीलाल वोरा ने दुर्ग का किया था। समय गुजरने के साथ एक समय ऐसा भी आया जबकि उन्होंने भाजपा हाईकमान के अपने संपर्क का लाभ लेकर अपने पुत्र को राजनीति ूमें प्रवेश दिलाकर लोकसभा का चुनाव लड़ाया और अभिषेक सिंह को विजयी भी बनाया।
आगे भाजपा की राजनीति ने करवट बदली और पांच वर्ष बाद होने वाले संसदीय चुनाव में अभिषेक सिंह के बदले कवर्धा के संतोष पाण्डेय को टिकट मिला लेकिन पिता – पुत्र की भाजपा के प्रति निष्ठा असंदिग्ध रहीं। पिछले विधानसभा चुनाव में डॉ. रमन सिंह को पुन: राजनांदगांव से टिकट मिली तथा अभिषेक सिंह के सतत संपर्कों एवं मिहनत के कारण डॉ. रमन सिंह रिकार्ड 45 हजार अधिक मतों से विजय हुए।
विगत लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 में एक बार पुन: संतोष पाण्डे को भाजपा ने अवसर दिया। इस चुनाव में अभिषेक सिंह ने पुन: जोशो खरोश से बिना किसी नाराजगी के संतोष पाण्डेय के पक्ष में इतनी लगन एवं निष्ठा से कार्य किया कि संतोष पाण्डेय राजनांदगांव विधानसभा क्षेेत्र में पिछले संसदीय चुनाव से तथा विधानसभा चुनाव से दोगुने से अधिक मतों से विजयी रहे यद्यपि मोहला – मानपुर, खुज्जी, पण्डरिया क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को अधिक मत मिले लेकिन राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में संतोष पाण्डेय को जो बंफर वोट मिले उसने अन्य क्षेत्रों में भाजपा को कम मिले वोटों की भरपाई कर दी और पिछले संसदीय चुनाव में मिले वोटों की भरपाई न होने के बावजूद संतोष पाण्डेय लगभग 44411 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे यह सब अभिषेक सिंह की कड़ी मिहनत एवं तगड़ी लाबिंग के कारण ही संभव हुआ। अभिषेक सिंह की विनम्रता का ही यह उदाहरण है कि वे इसके लिए खुद कोई श्रेय लेने के बदले नरेन्द्र मोदी की गारंटी को इसका श्रेय देते है।