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क्‍या बढ़ती गर्मी दे रही कलयुग के अंत का संकेत, यहां जानें क्‍या कहते हैं पुराण

इंदौर। इन दिनों नौतपा के चलते देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है। नौतपा का संबंध ज्‍योतिष शास्‍त्र से भी माना जाता है जिसके अनुसार ज्‍येष्‍ठ माह में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, चूंकि रोहिणी नक्षत्र चंद्र का नक्षत्र है, ऐसे में चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है और नौ दिनों तक लोगों को तेज गर्मी का सामना करना पड़ता है।

बता दे कि नौतपा (Noutapa) के दौरान सूर्य और पृथ्वी की दूरी काफी कम हो जाती है, ऐसे में 9 दिनों तक प्रचंड गर्मी पड़ती है, साथ ही लू के थपेड़ों का भी सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं कई लोग तो इस दौरान बीमार भी पड़ जाते हैं।

कब मिलेगी नौतपा से राहत?

इस बार नौतपा की शुरुआत 25 मई से हुई थी, वहीं आज यानी 2 जून को नौतपा खत्म हो जाएगा। ऐसे में संभावना है कि अब लोगों को तपिश से राहत मिल सकती है, जिसके चलते तापमान में भी कमी आएगी।

पुराण में क्या है जिक्र 

वैसे तो गर्मी बढ़ने और नौतपा के कई वैज्ञानिक कारण मौजूद है, लेकिन हिंदू पुराणों में भी इसके कारण बताए गए हैं। जिसका जिक्र विष्णु पुराण (Vishnu Puran) और सुख सागर ग्रंथ (Sukh Sagar Grantha) में मिलता है। इसके अनुसार जैसे-जैसे कलयुग का अंत निकट (End of Kaliyuga) आता जाएगा, वैसे-वैसे पृथ्वी के तापमान में भी बढ़ोतरी होती जाएगी और संसार के महाप्रलय की भी घड़ी नजदीक आती जाएगी और पृथ्वी आग का गोला बन जाएगी।

इसके साथ ही पृथ्वी पर बारिश भी नहीं होगी और पानी के लिए चारों को हाहाकार मच जाएगा। ऐसे में गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाएगी। खेती को भी नुकसान होगा और भयंकर अकाल का सामना करना पड़ेगा। साथ ही नदी, तालाब जैसे जलाशय भी जल विहीन हो जाएंगे।

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