advertisement
मध्य प्रदेश

भोपाल कलेक्टर ने सख्त लहजे में आदेश देते हुए आदिक्रियो से कहा आप लोगों को अपने काम करने के तरीके को सुधारने की जरूरत

भोपाल

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी कर्मचारियों की काम को लेकर शून्यता और उदासीनता पर जिला कलेक्टर का गुस्सा फूटा है। भोपाल कलेक्टर ने सख्त लहजे में आदेश देते हुए कहा कि आप लोगों को अपने काम करने के तरीके को सुधारने की जरूरत है, इस बात का ध्यान रखा जाए की सरकारी कर्मचारियों की वजह से लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।

 
 राजधानी भोपाल में नामांतरण और सीमांकन के कई मामले पेंडिंग पड़े हैं। हालत इतने खराब हैं कि तहसील ऑफिस में लोगों के खड़े होने की जगह तक नहीं होती है। पेंडिंग केसों की इतनी अधिक संख्या देखकर भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह नाराज हो गए। उन्होंने सख्त लहजे में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग ये किस तरह का काम कर रहे हैं, केसों का समाधान ही नहीं हो पा रहा है।

सीएम के आदेश के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद राजधानी भोपाल में नामांतरण और सीमांकन की प्रक्रिया अति धीमी है। राजस्व विभाग के अधिकारी नामांतरण, सीमांकन जैसे मामलों को लेकर नागरिकों को परेशान कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए और इसका शुरुआत में सकारात्मक परिणाम भी दिखा। पर इसके बाद फिर मामला वैसे का वैसा हो गया। अब हालात ऐसें हैं कि पुराने केसों का निपटारा नहीं हो पा रहा है और नए केस भी आते जा रहे हैं। कर्मचारियों की उदासीनता के कारण विभाग पर भी प्रेशर बढ़ रहा है।

भोपाल में सैकड़ों मामले पेंडिंग
20 मई को भोपाल जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने टाइम लिमिट की बैठक में बात रखते हुए कहा कि शहर में नामांतरण के डेढ हजार से ज्यादा केस पेंडिंग चल रहे हैं। जिसके कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है, और कर्मचारियों को काम करने के तरीके में सुधार करने की सख्त हिदायत दी है। इसके बाद कलेक्टर ने मीटिंग छोड़ दी और वहां से निकल गए।

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button