CG : धमतरी के 200 से ज्यादा स्कूलों में आयोजित हुआ पालक-शिक्षक संवाद
धमतरी । आगामी दिनों में घोषित होने वाले दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम के दौरान जिले में विद्यार्थियों द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम देने से बचाने और उनमें उत्पन्न तनाव एवं डिप्रेशन को दूर करने के उद्देश्य से कलेक्टर नम्रता गांधी के निर्देश पर जिले की 200 से ज्यादा स्कूलों में आज पालक-शिक्षक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिले के शासकीय एवं निजी स्कूलों में आयोजित इस कार्यक्रम में कलेक्टर गांधी, सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय सहित जिले के अधिकारियों ने स्कूलों में जा-जाकर बच्चों एवं पालकों से मुलाकात की और समझाईश दी। इस आयोजन को लेकर पालकों एवं बच्चों में काफी उत्साह दिखा।
कलेक्टर नम्रता गांधी ने शिव सिंह वर्मा शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल पहुंचकर बच्चों और पालकों से भेंट किया। कलेक्टर ने कहा कि आगामी दिनों में दसवीं, बारहवीं के परीक्षा परिणाम घोषित होने वाले। इस दौरान असफल अथवा कम अंक प्राप्त करने वाले बच्चे पर दबाव ना डालें। साथ ही आपके आसपास यदि ऐसा कोई बच्चा हो तो, उनके भी परिजनों से भेंटकर बच्चे को किसी अप्रिय घटना की ओर जाने से रोकें। उन्होंने कहा कि बच्चे की अन्य छुपी हुई प्रतिभा को पहचाने और उसे उसी दिशा में आगे आने में मदद करें। बच्चों पर नकारात्मकता को हावी ना होने दें। ये दौर बच्चों के लिए काफी नाजुक है, पालकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को इस दौर से उबारें और उन्हें आगे बढ़ने में सहायक बनें। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक आगे बढ़ाने के लिए उन्हें रोचक कहानियां और प्रेरक शब्द बताएं, जिससे बच्चे डिप्रेशन में जाने से बचें। वहीं उन्होंने बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों से भी चर्चा की और इस दौरान बच्चों के पालक आमापारा की श्रीमती अमृता पटेल, बठेना के पंकज सेन, लिकेश सेन, रूप नारायण, खपरी की श्रीमती अनिता ध्रुव, मकेश्वर वार्ड की श्रीमती लता बिसेन, सदर दक्षिण की श्रीमती मंजू यादव और नवागांव वार्ड के श्याम कुमार ने कलेक्टर से रू-ब-रू बातें कर कहा कि वे अपने बच्चों को तो प्रेरित करेंगे ही, साथ ही आसपास के अन्य बच्चों की मानसिक स्थिति पर भी ध्यान देंगे।
इस दौरान सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने गोकुलपुर स्थित सेजेस स्कूल और पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय ने हटकेशर स्थित सेजेस स्कूल में पालक और बच्चों से संवाद किया। वहीं जिले के अन्य अधिकारी भी जिले के अन्य स्कूलों में पालक-शिक्षक संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पालकों का आह्वान किया कि वे बच्चों को अच्छे अंक अथवा पास होने के लिए दबाव ना दें, बल्कि उन्हें मित्रवत् व्यवहार करते हुए अन्य ऐसे विषय जिनमें बच्चे की रूचि हो, उस ओर ध्यान लगाएं। इसके बाद बच्चा सामान्य स्थिति में आ जाए तो आगे पढ़ने के लिए प्रयास कराएं। इसके अलावा बच्चो को भी समझाया गया कि अंक प्राप्त करना अंतिम हल नहीं हैं। उन्हें ऐसे महापुरूष और उच्च स्तरीय अधिकारियों का उदाहरण दिया गया जो स्कूली जीवन में तो कमजोर थे, लेकिन आगे चलकर उच्च पदों पर आसीन रहे। इसलिए बच्चे इस बात पर ध्यान ना दें कि दसवीं, बारहवीं में कम अंक आए अथवा असफल रहे, बल्कि आगे और अच्छे से मेहनत कर सफलता प्राप्त करने का दृढ़ संकल्प लें। गौरतलब है कि पालक एवं बच्चों को अपनी बात रखने के लिए मन की बात लिखा हुआ बॉक्स स्कूलों में रखा गया है, जिसमें वे अपनी ऐसी बात जो कह नहीं सकते लिखकर बता सकेंगे।