पन्ना टाइगर रिजर्व में हथिनी कृष्ण कली और मोहन कली ने जन्मे बच्चे, मां-बच्चा दोनों स्वस्थ
पन्ना
पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बार फिर खुश कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां आने वाले पर्यटकों और वाइल्ड लाइफ के लिए बड़ी खुशी की बात है। अब पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों ओर तेंदुआ के साथ-साथ हांथियो कि संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इसके चलते पन्ना टाइगर रिजर्व का प्रंबधन काफी खुश और उत्साहित नजर आ रहा है।
दरअसल, पन्ना टाइगर रिजर्व की दो हथनियों मोहनकली और कृष्णकाली दोनो ने बच्चों को जन्म दिया। इससे पन्ना टाइगर रिजर्व में अब हांथियों का कुनबा बढ़ गया है। यहां अब हाथियों की संख्या 16 से बढ़कर 18 हो गई है। दोनों ही नन्हे हाथी पूरे तरीके से स्वास्थ्य बताए जा रहे हैं। वहीं, वेटेनरी डॉक्टर निरंतर इन दोनों नन्हें बच्चों की देख रेख कर रहे हैं।
काफी अहम है हाथी
फील्ड डायरेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथियों का बड़ा महत्व रहता है। यहां आने वाले पर्यटकों को हाथियों पर सवारी कराकर रिजर्व क्षेत्र में घुमाया जाता है। इसके साथ ही कई बार बाघों को ट्रेंकुलाइज करने और रेस्क्यू करने में इन हाथियों की सहायता ली जाती है। इसके साथ ही बारिश के समय पन्ना टाइगर रिजर्व में इन्ही हांथियो की मदद से वन विभाग के रेस्क्यू और अन्य दल के कर्मी आवागवन करते हैं। इसके अलावा अन्य वन्यजीवों की निगरानी भी हाथियों की मदद से आसानी से की जाती है। इसलिए दो नए मेहमान आने से उत्साह का माहौल है।
बाघ का कुनबा बढ़ाने में हाथियों का योगदान
पन्ना टाइगर रिजर्व में इस समय बाघों की संख्या 70-80 के बीच पहुंच चुकी है। इसमें सबसे बड़ा योगदान हाथियों का ही है। कई बार मिसिंग हुए बाघों को तलाशने में हाथियों का उपयोग होता है। इसके साथ ही इलाज करने के लिए बाघों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए भी हाथियों की मदद ली जाती है। इनके ऊपर बैठकर यह काम करना आसान होता है।